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सोनभद्र में रेणुका नदी पर पुल निर्माण को मिली स्वीकृति, मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर दी जानकारी

ओबरा- रेणुका नदी पर प्रस्तावित बहु उपयोगी पुल के निर्माण को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर पुल को मिली स्वीकृति की जानकारी साझा की है। पुल निर्माण में 73 करोड़ 25 लाख 43 हजार रूपये लागत आएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 12:59 PM (IST)
सोनभद्र में रेणुका नदी पर पुल निर्माण को मिली स्वीकृति, मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
ओबरा- रेणुका नदी पर प्रस्तावित बहु उपयोगी पुल के निर्माण को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दे दी है।

सोनभद्र, जेएनएन। ओबरा- रेणुका नदी पर प्रस्तावित बहु उपयोगी पुल के निर्माण को उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर पुल को मिली स्वीकृति की जानकारी साझा की है। पुल निर्माण में 73 करोड़ 25 लाख 43 हजार रूपये लागत आएगी। पुल का निर्माण सेतु निगम द्वारा किया जाएगा।

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जानकारी मिलते ही ओबरा सहित रेणुकापार के क्षेत्रों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। आजादी के सात दशक बाद भी पुल नहीं होने के कारण दो लाख की आबादी भारी मुसीबतों का सामना कर रही थी। इससे पहले बीते अप्रैल माह से सेतु निगम द्वारा पुल निर्माण के लिए मृदा परीक्षण का कार्य शुरू कर दिया था।वर्तमान में मानसून सत्र चलने के कारण पुल निर्माण से जुड़ी गतिविधियां बंद है। शासन द्वारा मिली स्वीकृति के बाद संभावना है कि एक अक्टूबर से पुल निर्माण को लेकर सेतु निगम की सक्रियता बढ़ जायेगी। 

गौरतलब है कि पुल का उपयोग करने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम द्वारा पुल निर्माण में 36.52 करोड़ का अंशदान दिया जायेगा। प्रस्तावित पुल से ही ओबरा सी में उत्पादन चालू होने पर निकलने वाली ऐश रेणुकापार के चकाड़ी स्थित ऐश डैम में जाएगी । इस ऐश को पाईपलाइन के माध्यम से ऐश डैम तक ले जाना है । रेणुका नदी पर प्रस्तावित पुल को दूसरी बार शासन की मंजूरी मिली है।इससे पहले समाजवादी पार्टी सरकार में 10 नवम्बर 2016 को पुल की स्वीकृति मिली थी। तब पुल की लागत 26 करोड़ 23 लाख 67 हजार रुपए तय की गयी थी। 23 दिसंबर 2016 को पुल का शिलान्यास भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। 

मार्च 2017 में प्रदेश में नई सरकार आने के बाद पुल निर्माण में हो रही देरी के कारण पुल को नवम्बर 2017 में निरस्त कर दिया गया था। उधर पुल निर्माण के लिए पिछले कई वर्षों से आंदोलन चला रहे राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह पुल काला पानी कहे जाने वाले रेणुका पार के आदिवासी अंचल के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

रेणुका पार की जनता इस पुल को लेकर बड़ी उम्मीदें लगाए हुए है।उन्होंने प्रदेश सरकार सहित सेतु निगम के उच्चाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि लाखों की आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने में यह पुल ही माध्यम बनेगा।सेतु निगम के विंध्याचल मंडल के परियोजना प्रबंधक इ.आरएस उपाध्याय ने बताया कि शासन से स्वीकृति मिलने के बाद अगले तीन चार दिनों में शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।जिसके बाद पुल निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी।


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