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Anti snake venom : दांत के दो निशान हैं जहरीले सर्प की पहचान, 15 मिनट के अंदर कराएं इलाज

सर्पदंश के मामले में कैसे पता किया जाए कि जिस सांप ने काटा है वह जहरीला है या सामान्य। वास्तव में सांप का रंग जितना ज्यादा गाढ़ा होगा वह उतना ही विषैला होता है इसलिए सर्पों की पहचान उनके रंग से की जा सकती है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 07:40 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 07:40 AM (IST)
Anti snake venom : दांत के दो निशान हैं जहरीले सर्प की पहचान, 15 मिनट के अंदर कराएं इलाज
सांप का रंग जितना ज्यादा गाढ़ा होगा वह उतना ही विषैला होता है

वाराणसी, जागरण संवाददाता। अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर लोग सर्प के विष से नहीं बल्कि गलतफहमी और भय के शिकार हो जाते हैं। परिणामस्वरूप विष का प्रभाव तेजी से फैलता है। कई मामलों में ह्रदयघात से मौत तक हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार सांप काटने से सिर्फ 10-15 फीसद लोग ही जहर के प्रभाव से कालकवलित होते हैं।

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वातावरणीय प्रभाव अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग प्रजाति के सर्प पाए जाते हैं। बनारस में बैंडेट करैथ व किंग कोबरा जैसे विषैले सर्प कम ही हैं, लेकिन जटिल समस्या यह है कि सर्पदंश के मामले में कैसे पता किया जाए कि जिस सांप ने काटा है वह जहरीला है या सामान्य। वास्तव में सांप का रंग जितना ज्यादा गाढ़ा होगा वह उतना ही विषैला होता है, इसलिए सर्पों की पहचान उनके रंग से की जा सकती है। हालांकि रात के अंधेरे में सर्पदंश के मामले में जान पाना मुश्किल होता है कि सर्प किस रंग का या गाढ़ापन कितना था।

नजीर के तौर पर चार दिन पहले चौबेपुर में किंग कोबरा ने महिला को डंस लिया और आधे घंटे में ही उसकी मौत हो गई। रात के अंधेरे में उन्हें लगा कि किसी छछूंदर ने काटा होगा, मगर सर्पदंश का आभास 20 मिनट बाद तब हुआ जब जहर शरीर में फैलना शुरू हो गया।

बीएचयू की पूर्व जंतु विज्ञानी प्रो. चंदना हलधर बताती हैं कि सर्पदंश वाले स्थान पर यदि दांत के दो निशान पड़े हैं तो तत्काल सचेत हो जाएं। अगले 15 मिनट आपने यदि बेहतर सूझबूझ और हिम्मत का परिचय दे दिया तो जान बचाई जा सकती है। तत्काल डाक्टर के पास मरीज को लेकर पहुंचे और प्राथमिक इलाज शुरू करवाएं। दूसरी बात सर्प का रंग यदि गहरा रहा हो तो डाक्टर को इसकी जानकारी अवश्य दें।

अर्द्धचंद्रकार दांत का निशान बने तो खतरे की बात नहीं

डा. चंदना हलधर के अनुसार सांप के फन के पीछे या उसके सिर पर चश्मे के आकार की आकृति न्यूरो टाक्सिक किंग कोबरा की पहचान है। ये फन को ऊपर उठाकर चलते हैं। वहीं इनका वर्टिब्रल कालम बहुत मजबूत होता है। इनमें न्यूरो और हिमैटिक दोनों गुण होते हैं। प्रो. हलधर ने बताया कि जिस सांप के काटने के बाद अर्द्धचंद्रकार दांत आकार बन जाए तो वह जहरीला नहीं होता। बेवजह दहशत में आने के बजाय डाक्टर से सलाह लें।

सांप काटने के बाद हाथ पैर हिलाना-डुलाना बंद कर दें

आइएमएस-बीएचयू के न्यूरोलाजिस्ट डा. अभिषेक पाठक के अनुसार सांप ने यदि पंजे में डंसा है तो जहर ह्रदय तक पहुंचने में करीब 15 मिनट का समय लग जाता है। इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को चलने-फिरने से रोक दें, नहीं तो रक्त संचार तेजी से होगा और ह्रदय तक जल्दी से विष पहुंच सकता है। ऐसे में यदि ह्रदय तक जहर पहुंच गया तो वहां से वह दिमाग व फेफड़े सहित पूरे शरीर में फैल जाएगा और मौत हो जाएगी। सांप काट ले और पता चल जाए कि वह जहरीला है तो तत्काल काटने वाले निशान से ऊपर वाले हिस्से को कसकर बांध दे। वहीं एंबलुेंस या वाहन में व्यक्ति को लेटा कर लाएं मगर आंखें बंद न हो और नींद न आने पाए। सर्पदंश के बाद व्यक्ति पहले घबराता है, फिर सदमा भी लगता है। घबराहट अधिक है तो उसकी दवा दें मगर यह ध्यान रखे कि दवा देने के बाद नींद आ सकती है इसलिए उसे साेने न दें। मरीज को समझाएं कि वह घबराए नहीं अस्पताल में इसका अच्छा इलाज है। डा. पाठक ने बताया कि सर्प के वेनम में 95 फीसद तक प्रोटीन होता है। इसमें बहुत सारे एंजाइम में टाक्सिन होता है। यह आरबीसी और डब्ल्यूबीसी, मांसपेशियों और न्यूरो मस्कुलर जंक्शन को भी प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों के घाव के अनुसार एंटी स्नेक वेनम देकर आसानी से जान बचाई जा सकती है। यदि सर्प का दंश माइल्ड है तो पांच वेनम, माडरेट है तो 5-10 और सीवियर में 10-20 वेनम देते हैं।


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