वाराणसी से विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष का एलान, नारायण राणे का सिर कलम करने पर देंगे 51 लाख
पीएम व सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर जारी करने के तीन मामलों में फरार चल रहे विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने की विवादित घोषणा की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पीएम व सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर जारी करने के तीन मामलों में फरार चल रहे विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने की विवादित घोषणा की। अपनी फेसबुक वाल पर अरुण पाठक ने लिखा है कि जिस पाकेटमार और टिकट ब्लैक में बेचने वाले को बाला साहेब दया करके शिव सैनिक व मुख्यमंत्री बनाए, उसने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए घटिया काम किया है। ऐसे आदमी का सिर कलम कर देना चाहिए।
इसके साथ ही ट्विटर एकाउंट से पोस्ट किया है कि मैं तुझसे वादा करता हूं अहसान फरामोश नारायण राणे कि तेरे मरने के बाद काशी में तेरी अस्थियां विसर्जित नहीं करने दूंगा। तेरी आत्मा सदियों तक भटकते रहेगी।
विश्व हिंदू संगठन बनाया
भेलूपुर क्षेत्र में रहने वाले अरुण पाठक पहले शिव सेना के नेता हुआ करते थे। उनका मुंबई आना जाना लगा रहता था। ठाकरे परिवार के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा थी। वह खुद को बाला साहेब ठाकरे का अनन्य भक्त और कट्टर हिंदू बताते थे। शिव सेना व कांगे्रस ने महाराष्ट्र में जब सरकार बनाई तो अरुण पाठक ने इसका विरोध किया। इसके साथ ही विश्व हिंदू सेना के नाम से अलग संगठन बनाया।
पीएम व सीएम के लगवाए थे विवादित पोस्टर
अरुण पाठक ने वर्ष 2020 में अस्सी घाट पर नेपाल के मूल निवासी एक युवक का बाल मुड़वा कर जय श्रीराम लिखवाया था। इसके बाद उसी से नेपाल व चीन के विरोध में नारे लगवा कर वीडियो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया था। पुलिस की ओर से भेलूपुर थाने में इस मामले में अरुण व उनके करीबियों पर मुकदमा दर्ज कर शिकंजा कसना शुरू किया तो वह हाईकोर्ट की शरण में चले गए। इसके बाद अरुण पाठक का पुलिस पता नहीं लगा पाई। बीते जुलाई माह में अरुण पाठक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के फोटो के साथ उन्हें लेकर विवादित टिप्पणी युक्त पोस्टर शहर में चस्पा कराए। इस बाबत सिगरा, लंका व भेलूपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसके बाद सावन के आखिरी सोमवार को अरुण पाठक के समर्थक श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए थे।