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मीरजापुर के जंगल में करेंट प्रवाहित कर जानवरों का किया जा रहा शिकार, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

मीरजापुर के हलिया थाना क्षेत्र के सोनगढ़ा जंगल में शिकारियों की ओर से बिजली के नंगे तार बिछाकर जंगली जानवरों के शिकार किए जा रहे हैं। खुले तारों में करेंट प्रभावित होता है और करेंट की चपेट में आने से जानवर अचेत हो जाते हैं या मर जाते हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 06:10 AM (IST)
मीरजापुर के जंगल में करेंट प्रवाहित कर जानवरों का किया जा रहा शिकार, नहीं हो रही कोई कार्रवाई
मीरजापुर के जंगल में शिकारियों की ओर से बिजली के तार बिछाकर जंगली जानवरों का शिकार किया जा रहा है।

 मीरजापुर, जेएनएन। हलिया थाना क्षेत्र के सोनगढ़ा जंगल में शिकारियों की ओर से बिजली के नंगे तार बिछाकर जंगली जानवरों के शिकार किए जा रहे हैं। खुले तारों में करेंट प्रभावित होता है और करेंट की चपेट में आने से जानवर अचेत हो जाते हैं या मर जाते हैं। इसके बाद शिकारियों की ओर से जानवरों के मांस के साथ खाल को निकालकर बेचकर शिकारी मालामाल हो रहे है। पशुपालकों ने बताया कि जंगली जानवरों के शिकार के लिए बिछाए गए विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आकर हमारी गाय तथा भैंस की मौत हो रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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सोनगढा जंगल के बढ़वार मोहल्ले स्थित ग्यारह हजार वोल्टेज के हाईटेंशन करेंट के तार को शिकारियों की ओर से जमीन पर फैला कर रात में शिकार किया जा रहा है। इसके चलते दो दिन पूर्व तीन जंगली सूकर की मौत हो गई। शिकारियों ने सूकर को उठा ले जाकर मांस तथा चमड़ा व खाल निकालकर व्यापारियों के यहां बेच दिया। इसी तरह से मध्यप्रदेश के हाटा हनुमना निवासी पशु पालक रामसनेही यादव डिभोर जंगल में अपने भैंसों को चराने के लिए ले गए थे। एक भैंस जंगल की ओर गई कि शिकारियों की ओर से बिछाए गए करेंट की चपेट में आने से मौत हो गई। पशु पालक भैंस की तलाश में गांव की ओर गया तो मृत पड़ी भैंस के ऊपर से खाल व चमड़ा गायब था। पैर तथा सींग से भैंस की पहचान कर थाने में तहरीर दी। शिकारियों के शिकार से जंगली सूअर, नील गाय, हिरण,खरगोश, बारहसिंगा सहित अन्य प्रजातियों के जंगली जानवरों की मौत करेंट से हो रही है।

शिकारियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी

शिकारियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। वनक्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया जाएगा कि रात में गश्त बढ़ाएं।

- संजीव कुमार, डीएफओ।


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