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पशुपालन से सीवर जाम की शिकायत पर कार्रवाई के बाद पशुपालकों ने किया नोकझोंक Varanasi news

पशुपालन से सीवर जाम की शिकायत को जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने गंभीरता से लेते हुए आशापुर के मवईयां स्थित अटल नगर कालोनी में नगर निगम जल निगम व पुलिस टीम को मौके पर भेजा।

By Edited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 02:22 AM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 09:42 AM (IST)
पशुपालन से सीवर जाम की शिकायत पर कार्रवाई के बाद पशुपालकों ने किया नोकझोंक Varanasi news
पशुपालन से सीवर जाम की शिकायत पर कार्रवाई के बाद पशुपालकों ने किया नोकझोंक Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। पशुपालन से सीवर जाम की शिकायत को जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने गंभीरता से लेते हुए रविवार को आशापुर के मवईयां स्थित अटल नगर कालोनी में नगर निगम, जल निगम व पुलिस टीम को मौके पर भेजा। टीम ने कुछ पशुओं को वाहन में बंद कर दिया। इस दौरान विरोध करते हुए पशुपालकों ने नगर निगम कर्मियों से नोकझोंक की। महिलाओं ने पशु बंदी गाड़ी के सामने खड़ी होकर रोक दिया। मौके पर पहुंचे एसओ सारनाथ विजय बहादुर सिंह ने लोगों को समझा कर मामला शात किया। नगर निगम कर्मचारियों ने पशुपालकों पर दो हजार रुपये जुर्माना लगाया और पशुओं के गोबर को सीवर लाइन में नहीं बहाने का लिखित संकल्प पत्र लेकर पशुओं को छोड़ दिया।

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अपर नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह व वरुणापार जोनल अधिकारी पीके द्विवेदी के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची थी। सीवर जाम की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से नगर निगम के अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ मौजूद थे। दोपहर दो बजे कार्यवाही हुई। इसके साथ ही आशापुर से सारनाथ स्थित एक बड़े लॉन में 35 गाय थी। इनका गोबर सीवर में जा रहा था। लॉन के मालिक व पशुपालक अमित से अपर नगर आयुक्त अजय कुमार व पीके द्विवेदी ने 20 हजार रुपये जुर्माना काटा व 15 दिन में गायों को हटाने का निर्देश दिया। इसके बाद नगर निगम की टीम मवईयां के अटल नगर कालोनी पहुंची। नगर निगम कर्मियों ने दो पशुओं को पशुबंदी वाहन में चढ़ा लिया। इसके बाद महिलाओं ने वाहन के सामने खड़ी होकर उसे रोक दिया था।

- सीवर जाम से बार-बार सफाई घटो तक चली बातचीत के बाद भी हल न निकलने पर जोनल अधिकारी पीके द्विवेदी ने प्रति पशु एक हजार रुपये के हिसाब से दो हजार रुपये जुर्माना वसूला और एक सप्ताह के अंदर पशुओं को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्देश दिया। गंगा प्रदुषण नियंत्रण ईकाई के परियोजना प्रबंधक अफजल खा ने कहा कि पशुओं का गोबर सीवर में चले जाने से सीवर चोक हो जाता है। इसकी वजह से सीवर की बार-बार सफाई करानी पड़ती है।

- हमारा यही रोजगार, कहां जाएं वहीं मवईयां गांव के विनोद यादव ने कहा कि मेरे पास एक गाय है। इसका गोबर पानी सीवर में नहीं जाता है। रेखा ने कहा कि मेरे घर का खर्चा गाय के दूध से ही चलता है। हम कहां जाएं। हीरावती ने कहा कि हमारे पास गौ पालन के अलावा और कोई रोजगार नहीं है।


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