वाराणसी में जल संरक्षण और पर्यावरण के लिए अनिल सिंह ने सृजन का लिया संकल्प
महामनापुरी कालोनी नासीरपुर के रहनेवाले अनिल सिंह ने जल संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए सृजन सामाजिक संस्था बनाकर सेवा का संकल्प लिया। अनिल सिंह की जागरूकता और सेवा के संकल्प ने रंग लाना शुरू कर दिया है।
वाराणसी, रवि पांडेय। महामनापुरी कालोनी, नासीरपुर के रहनेवाले अनिल सिंह ने जल संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए सृजन सामाजिक संस्था बनाकर सेवा का संकल्प लिया।अनिल सिंह की जागरूकता और सेवा के संकल्प ने रंग लाना शुरू कर दिया है। इनके प्रयास से दर्जनों तालाब जल से भरे हैं तथा उनके किनारे अब पेड़ों की हरियाली भी दिखने लगी है। अनिल सिंह ने बताया कि जल संरक्षण के अभियान के लिए सुबह ही घर से निकल जाते हैं और जागरूकता और कार्य के बाद ही खाना खाते हैं। अनिल सिंह सामाजिक कार्य में बढ़चढ़कर भाग लेने के अलावा लोगों को संकल्प दिलाने का भी काम करते हैं। अनिल सिंह के प्रयास से सिर्फ तालाब ही नहीं बल्कि रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भी जल संरक्षण का कार्य काफी रंग लाया है। इनके कार्यों से प्रेरित होकर जिले में अच्छे जल संरक्षण और पर्यावरण के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।
जागरूकता से दर्जनों घरों और फैक्ट्रियों में लगवाया रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
अनिल सिंह ने जल संचयन और पर्यावरण संरक्षण के लिए आसपास की कालोनी ,स्कूल और आवासीय फ्लैट के अलावा कुछ फैक्ट्रियों में जागरूकता करके रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है। अनिल सिंह ने बताया कि बस लोगों तक जागरूकता के साथ ही सलाह देकर कम पैसे में जल संरक्षण के लिए प्रेरित करता हूं। इस काम में पैसे भी बहुत कम खर्च होते हैं। अनिल सिंह के अनुसार करीब सौ से ज्यादा जगहों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है।
नए तालाबों का सृजन और पुराने का किया जीर्णोद्धार
सृजन संस्था के चेयरमैन अनिल सिंह ने पिछले दो वर्षों में लंका क्षेत्र के टिकरी गांव में तीन नये तालाब, मोधोपुर मे दो तथा सेवापुरी मे दो तालाब, बरईपुर में अपनी जमीन पर तीन नए तालाब बनवाये। इसके अलावा बड़ागांव, पिंडरा, पुष्कर तालाब का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षित कराने का काम किया है। अनिल सिंह ने बताया कि समय साथ दिया तो गंगा ग्रामों एवं शहर के कुल 25 तालाबोंं को संरक्षित कराकर किसान भाइयों के खेतों में वर्षा और जल संचयन, मेड़बन्दी, टपक विधि एवं स्प्रिकंलर विधि की ट्रेनिंग देखकर किनारे पौधरोपण कराकर जल स्तर को नीचे जाने से रोकना है।