मीरजापुर की गुफाओं में हैं प्राचीन भित्त चित्र दुर्लभ, सरंक्षित करने के लिए वन ने शासन को भेजा प्रस्ताव
मीरजापुर के भैसौड़ बलाय पहाड़ के चुनहवा पहाड़ी व मड़वा धनावल गांव की पहाड़ी के गुफाओं में मिले मानव जाति के विकास के इन बेहतरीन सबूतों को अब संरक्षित रखने की चर्चा की जा रही है।
मीरजापुर, जेएनएन। अति दुर्लभ प्रजाति के काले हिरनों के लिए विख्यात वन्य जीव विहार से जुड़े भैसौड़ बलाय पहाड़ वन क्षेत्र में कभी आदि मानवों की भी बस्ती हुआ करती थी। आदि मानवों द्वारा यहां की विभिन्न गुफाओं में बनाए भित्त चित्र उनके सभ्यता की गवाही दे रहे हैं। प्राचीन गुफा भित्त चित्र भले ही प्राचीनकाल है, लेकिन उनके रंग रोगन वनस्पतिरंग ताजा दिखते है। चित्र में ग्रामीण रहन-सहन खेती किसानी का स्वरूप स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। भित्त चित्र का आखेट शैली का आदि मानव का झलक मिलता है। क्षेत्र के भैसौड़ बलाय पहाड़ के चुनहवा पहाड़ी व मड़वा धनावल गांव की पहाड़ी के गुफाओं में मिले मानव जाति के विकास के इन बेहतरीन सबूतों को अब संरक्षित रखने की चर्चा की जा रही है। क्षेत्र की व्यवस्था संभाल रहे वन विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर सरंक्षण के लिए पर्यटन के दृष्टिकोण से शासन को भेजने को कहा है।
हरे भरे जंगल, पहाड़ी झरनों व छोटी छोटी नदियों वाले विंध्य पर्वत श्रृंखला के बीच बसे लालगंज तहसील में आने वाला भैसौड़ बलाय पहाड़ का इलाका खासा स्मरणीय रहा है। शायद इस क्षेत्र पर आदि मानवों का भी दिल आ गया था। हजारों साल पहले इस क्षेत्र की गुफाओं में आदि मानवों ने अपना बसेरा बसाया था। इसी का परिणाम है कि करीब सैकड़ों वर्ग किमी क्षेत्र में फैले विंध्य पर्वत श्रृंखला में गुफा चित्रों का भंडार संभावित है। चुनहवा पहाड़ी की गुफाओं में भित्तचित्र की कलाकृतियां देखने लायक हैं। यह भित्त चित्र देखने के लिए विदेशी पर्यटकों का दल भी आ चुका है। विगत वर्ष स्विट्जरलैंड से स्टेफनी और उनकी पत्नी भी आई थी। यही हाल मड़वा धनावल गांव के पहाड़ी पर भित्त चित्र का है। यह अलग बात है कि अब इन भित्त व गुफा चित्रों पर शरारतीतत्वों की भी नजर पडऩे लगी है। यह तत्व पत्थर से खुरच कर तथा अन्य तरीकों से इन भित्त चित्रों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसे देखते हुए वनविभाग ने पर्यटन योजना तैयार की है। पर्यटन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी के जुगत में है।
भित्त चित्रों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन विभाग के लिए शासन को भेजने की योजना है
पहले इसकी सूचना थी, संज्ञान में लेकर इन भित्त चित्रों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन विभाग के लिए शासन को भेजने की योजना है। इसमें गुफाओं तक पहुंचने के लिए सीढ़ी बनाने, भित्त चित्रों के संरक्षण के लिए गुफाओं के अंदर रेलिंग का घेरा बनाने आदि कार्य शामिल हैं।
-राकेश चौधरी, प्रभागीय वनाधिकारी मीरजापुर