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Anamika Shukla : एक आवेदन में जौनपुर का भी पता, पत्रावलियों की अधिकारियों ने शुरू कराई जांच

अनामिका ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के पूर्णकालिक शिक्षिका पद के लिए किए अपने एक आवेदन में पत्र व्यवहार का पता जौनपुर का दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 11:49 AM (IST)
Anamika Shukla : एक आवेदन में जौनपुर का भी पता, पत्रावलियों की अधिकारियों ने शुरू कराई जांच
Anamika Shukla : एक आवेदन में जौनपुर का भी पता, पत्रावलियों की अधिकारियों ने शुरू कराई जांच

जौनपुर [आनंद स्वरूप चतुर्वेदी]। बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण से जौनपुर भी अछूता नहीं रहा। अनामिका ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के पूर्णकालिक शिक्षिका पद के लिए किए अपने एक आवेदन में पत्र व्यवहार का पता जौनपुर जनपद के बक्शा ब्लाक का मई गांव पोस्ट बरपुर दिया है। इसकी जानकारी होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में भी खलबली मच गई है। विभाग के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से संबंधित उस दौर की पत्रावलियों की जांच शुरू कर दी गई है।

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अनामिका शुक्ला ने पूर्णकालिक शिक्षिका पद के लिए 26 नवंबर 2019 को किए अपने आवेदन में पिता का नाम सुभाष चंद्र शुक्ला, जन्मतिथि 20 जनवरी 1992 देते हुए स्थायी पता ग्राम हसनपुर, पोस्ट मोटा, थाना बेवर, तहसील भोगाव, जिला मैनपुरी देते हुए पत्र व्यवहार का पता जौनपुर के मई गांव का दिया है। जबकि मई गांव में अनामिका शुक्ला नाम की कोई लड़की नहीं है और न ही सुभाष चंद्र शुक्ला नाम का कोई व्यक्ति ही। इसके साथ ही इस गांव में उक्त नाम के व्यक्ति का न कोई रिश्तेदार है न संबंधी। ऐसे में अनामिका के दावेदारी का 25 जिलों में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद जौनपुर के पते को लेकर जांच शुरू हो गई है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अनामिका शुक्ला ने जनपद में किसी भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया था। अनामिका द्वारा दाखिल फार्म में दिए गए मई गांव के पते के संबंध में ग्राम प्रधान आलोक यादव ने बताया कि मेरे गांव में न तो इस नाम की कोई लड़की है और न ही कोई बहू आयी है। वहीं गांव के ब्राह्मण बस्ती निवासी मोनू मिश्रा ने बताया कि गांव के दो परिवारों की शादी शुक्ला परिवार में हुई है लेकिन उस घर की किसी लड़की का नाम अनामिका नहीं है और न ही उसके पिता का नाम सुभाष है। ऐसे में अनामिका के आवेदन में दर्ज पत्र व्यवहार का पता फर्जी साबित होता है।

कोई आदेश आता है तो जांच कराई जाएगी

जिले में अनामिका शुक्ला ने कोई आवेदन नहीं किया है। एक आवेदन में दिए गए पते के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। शासन से अगर इसके संबंध में जांच के लिए कोई आदेश आता है तो जांच कराई जाएगी।

-प्रवीण तिवारी, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।


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