चंदौली में शिवलिंग से लिपटकर सांप ने त्याग दिए प्राण, जानिए क्या है पूरा मामला...
शिव मंदिर को जमींदोज किए जाने से कथित रूप से रोकने आगे आए सर्प ने बुधवार की सुबह अपने प्राण त्याग दिए, उसकी मौत के साथ ही दूसरे सर्प की मंदिर में आवाजाही शुरू हो गई है।
चंदौली, जेएनएन। शिव मंदिर को जमींदोज किए जाने की तैयारियों के बीच मंदिर में कई दिनों से आसन जमाए सांप ने बुधवार की सुबह अपने प्राण त्याग दिए। उसकी मौत के साथ ही दूसरे सांप की मंदिर में आवाजाही भी शुरू हो गई है। दु:खी ग्रामीणों ने सर्प को लाल कपड़े में लपेटकर कई गांवों में घुमाया, फिर उसकी मंदिर के नए भवन में समाधि बनाने का निर्णय लिया गया।
रमऊंपुर गांव स्थित पुराना शिव मंदिर फ्रेट कारिडोर की राह में रोड़ा बना है। उस मंदिर को हटाकर नए स्थान पर प्रतिस्थापित करने की कवायद चल रही है। एक सप्ताह पूर्व मंदिर के इर्दगिर्द रेलवे ट्रैक बिछाने की कवायद शुरू हुई तो एक सर्प ने मंदिर में डेरा जमा लिया। उसके बाद से उसका आशियाना रेलवे ट्रैक एवं शिव मंदिर ही बना रहा। रोजाना की भांति लोग मंदिर में सर्प की कुशल क्षेम जानने पहुंचे तो उसकी सांसें थमने की जानकारी हुई। परेशान लोग सर्प को लाल कपड़े में लपेटकर कई गांवों में घुमाए। मीटिंग कर सहमति बनी कि मंदिर के लिए चयनित नए स्थान पर समाधि बनाई जाएगी।
सवैया के प्रधान आशीष सिंह एवं रिंकू सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण बैंड बाजे के साथ भ्रमण पर निकले थे। सर्प काे दूध में नहलाने के पश्चात देशी घी का लेप कर अंतिम संस्कार कराया गया। पंडित बलदाऊ तिवारी ने बताया कि नाग देवता स्वरूप सर्प ने मंदिर के प्रांगण में प्राण त्यागा है, जो हमारे लिए आस्था का प्रतीक है। गांवों में महिलाओं ने जगह-जगह यात्रा को रोककर पूजन भी अर्चन किया।