Move to Jagran APP

वाराणसी में गंगा नदी में मिली अनोखी मछली, पहचान के लिए वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजी तस्वीर

वाराणसी के चौबेपुर के गंगा किनारे गांव गौरा उपरवार में गंगा नदी के बाढ़ में बुधवार को मछुआरों ने मछली पकड़ते समय एक अनोखी मछली उनके जाल में आ गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 09:57 PM (IST)
वाराणसी में गंगा नदी में मिली अनोखी मछली, पहचान के लिए वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजी तस्वीर
वाराणसी में गंगा नदी में मिली अनोखी मछली, पहचान के लिए वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजी तस्वीर

वाराणसी, जेएनएन। चौबेपुर के गंगा किनारे गांव गौरा उपरवार में गंगा  नदी के बाढ़ में बुधवार को मछुआरों ने मछली पकड़ते समय एक अद्भुत मछली उनके जाल में आ गई। मछुआरों के बीच यह शंका बन गई कि यह मछली हम लोग कभी गंगा नदी में नहीं देखे। वहीं जो मछुआरे काफी बुजुर्ग हैैं वह बताते हैं कि इतनी उम्र बीत गई मगर इस तरह की मछली देखी ही नहीं। गंगा प्रहरी नागेंद्र कुमार निषाद (फील्ड असिस्टेंट) ने अपने टीम के साथ पहुंच कर मछली देखा तो उसका मुंह के नीचे की ओर व देखने में वह काई के रंग कि है जो उसका फोटो, खींचकर संबंधित जानकारी हेतु नमामि गंगे ने भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक को व डॉ. अरविंद मिश्रा, वरिष्ठ वैज्ञानिक मत्स्य विभाग को भेजा है।

loksabha election banner

मछुआरों के साथ रोज होती है बैठक, बच्‍चों काे किया जाता है जागरूक

गंगा प्रहरी नागेंद्र कुमार निषाद ने अपनी टीम के साथ लगातार मछुआरों के साथ बैठक कर उन्हें  कछुआ, मगरमच्छ, डाल्फिन को न  मारने के लिए जागरूक कर रहे हैं। साथ में उनके बच्चों को जोड़कर गंगा की जैव विविधता के विषय में जानकारी दिया जा रहा है। विभिन्न प्रशिक्षण में उन्हें जोड़ा जा रहा है। जलीय जीव हमारे साथ मिलकर गंगा में हो रहे। किसी भी प्रकार से गंदगी स्थानीय स्तर पर रोकने का प्रयास जारी हैं जिससे कि गंगा कि धारा स्वच्छ व सुन्दर  बहती रहे। इस अवसर परनारद, सोमारु, सुजीत, मनोज, अजीत, अरविंद, मुंसी, भरत निषाद, तुलसी, घुरहू के साथ गंगा प्रहरी, गंगा दूत ऋषि निषाद मिथिलेश, आफताब, मनोज, संजय, दीपक मौर्य के  समाजसेवी अनिल मौर्य मौजूद थे।

अमेरिका के अमेजन नदी में पाई जाने वाली सकर कैटफ‍िश वाराणसी गंगा नदी में मिली

कुछ दिन पहले गंगा नदी में हजारों मील दूर की सकर कैटफ‍िश अमेजन नदी से होती हुई वाराणसी में गंगा नदी तक पहुंच गई है। खास बात यह भी है कि यह मछली काशी की गंगा नदी में बेहतर स्थिति में कुछ दिनों पूर्व बरामद हुई थी। इसकी पहचान मात्सियिकी विशेषज्ञों ने सकर कैटफिश के रूप में की है। राम नगर क्षेत्र में गंगा नदी में स्‍वस्‍थ हाल में मिली यह मछली कुछ दिनों पूर्व लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी हुई थी। हालांकि अब उसकी पहचान उजागर होने से लोगाें में इस मछली के इतनी दूर तक नदी में आने की चर्चा भी होने लगी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि एक्‍वेरियम में पालने के लिए इस मछली को रखने की परंपरा रही है। किसी के एक्‍वेरियम से यह मछली शायद नदी में छोड़ी गई होगी और गंगा के सुरक्षित पर्यावास में यह मछली बेहतर तरीके से पलने और बढ़ने लगी है। हालांकि यह कितनी संख्‍या में गंगा नदी में हैं, इसकी जानकारी नहीं है। मगर उम्‍मीद है कि बेहतर पर्यावास मिलने की वजह से इनकी संख्‍या भविष्‍य में गंगा नदी में और भी बढ़ सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.