तत्काल टिकट की बुकिंग में लगाया धांधली का आरोप, वाराणसी कैंट स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र पर हंगामा
वाराणसी कैंट स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र पर शुक्रवार को कंफर्म टिकट के लिए परेशान यात्रियों ने तत्काल में धांधली का आरोप लगाया।
वाराणसी, जेएनएन। कैंट स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र पर शुक्रवार को कंफर्म टिकट के लिए परेशान यात्रियों ने तत्काल में धांधली का आरोप लगाया। हंगामा बढ़ता देख पहुंची आरपीएफ की टीम ने किसी प्रकार यात्रियों को समझा बुझाकर शांत कराया। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी हुई। मिली जानकारी के अनुसार तत्काल की अवधि में विंडो खुलते ही मुंबई और सूरत जाने वाली सभी गाड़ियों के टिकट फूल हो गए। स्लीपर और वातानुकूलित श्रेणी के पहले आवेदन पर भी टिकट नहीं बन सका। दो से पांच सेकेंड में टिकट वेटिंग हो गए। यह देख यात्रियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। कर्मचारियों पर धांधली का आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी जताई। हंगामा बढ़ता देख आरपीएफ के सिपाहियों ने यात्रियों को समझा बुझाकर शांत कराया।
चार दिनों से लगा रहे आरक्षण केंद का चक्कर
गाजीपुर निवासी अशोक कुशवाहा ने बताया कि वह मुंबई जाने के लिए चार दिनों से कैंट स्टेशन का चक्कर लगा रहे। खिड़की पर पहला नम्बर होने के बावजूद उन्हें कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। वहीं, मुंबई के रहने वाले प्रदीप कटके ने बताया कि वह हर दिन पहला दूसरा नंबर आने के बाद भी किसी का टिकट कंफर्म नही होता। हमेशा वेटिंग लिस्ट में नाम डाल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया मेरा एसी टिकट का पहला नंबर है और मेरे एक दोस्त का स्लीपर सीट का दूसरा नंबर है फिर भी अभी तक टिकट नहीं मिल रहा। पहले नंबर पर टिकट नहीं मिल रहा तो टिकट जा कहां रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा अंदर टिकट काउंटर में कुछ तो गड़बड़ी चल रही है। गाजीपुर के संजय जायसवाल ने इसकी शिकायत स्टेशन निदेशक से की।
शारीरिक दूरी के नियमों की खुली पोल
कैंट स्टेशन के मुख्य आरक्षण केंद्र पर शारीरिक दूरी के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। टिकट पाने की होड़ में यात्री एक दूसरे पर गिरते पड़ते रहे। यहां नियमों का पालन कराने वाला कोई भी सम्बंधित कर्मचारी नहीं दिखा। आरपीएफ के कर्मचारी भी बाहर आराम फरमा रहे थे। सीआरएस ने बताया कि मुंबई रूट की ट्रेनों में ज्यादा दबाव है। सबसे ज्यादा तत्काल टिकट ऑनलाइन ही बुक हो जाती है। ट्रेनों में तत्काल के लिए सीमित सिंटे होती है। ऑल इंडिया लेबल पर टिकट बुक किए जाते हैं। ऐसे में हर किसी को कंफर्म टिकट मिलना सम्भव नहीं होता।