BHU IMS के एमएस की नियुक्ति में लगा भ्रष्टाचार का आरोप,राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से की शिकायत
बीएचयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक के बाद अब नया विवाद तूल पकड़ रहा है। यह विवाद उठा है आइएमएस में चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) की भर्ती में एक धांधली को लेकर जिसमें आरोप है कि इस पद पर विज्ञापन में जो अर्हता मांगी गई थी उसकी अनदेखी कर साक्षात्कार किए गए।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक के बाद अब नया विवाद तूल पकड़ रहा है। यह विवाद उठा है आइएमएस में चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) की भर्ती में एक धांधली को लेकर, जिसमें आरोप है कि इस पद पर विज्ञापन में जो अर्हता मांगी गई थी, उसकी अनदेखी कर साक्षात्कार किए गए। इसके लिए कुलपति प्रो. राकेश भटनागर को जिम्मेदार ठहराते हुए आइएमएस के प्रो. ओपी उपाध्याय ने इसकी शिकायत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर की और मेल की कापी भी अटैच की। इसके अलावा उन्होंने बीएचयू कार्यकारिणी के सदस्यों और शिक्षा मंत्री को शिकायती पत्र भेजा है।
प्रो. उपाध्याय ने बताया कि एमएस के पद नियुक्त होने के लिए दस साल का प्रशासनिक अनुभव होना चाहिए, इसके पहले जो व्यक्ति अयोग्य थे, उनके नाम साक्षात्कार सूची से ही काट दिए गए, लेकिन अब नियमों को ताक पर रखकर चयन करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने लिखा कि कुलपति द्वारा किसी विशेष व्यक्ति को अनुचित लाभ पहुंचाने के नियत से रेक्टर द्वारा आपत्ति दर्ज करने के बावजूद भी गलत माध्यमों से नियुक्ति की जा रही है, इससे विश्वविद्यालय की छवि खराब होगी तथा चिकित्सालय परिसर की भी इज्जत धूमिल होगी। उन्होंने लिखा कि बीएचयू अस्पताल में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई तो एक बड़े आंदोलन के लिए वह लोगों को लामबंद करेंगे।