जौनपुर में भी रेल पटरियों के समीप झोपड़ियों में बसी हैं तमाम अवैध बस्तियां
दिल्ली व मुंबई के अलावा यहां भी रेल की पटरियों के कुछ दूरी पर जिंदगी सांस ले रही है।
जौनपुर, जेएनएन। रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है, लेकिन इसी रेलवे लाइन के किनारे सरपट दौड़ती जिंदगी की गाड़ी कब बेपटरी हो जाए इसकी फिक्र शायद ही किसी को हो। दिल्ली व मुंबई के अलावा यहां भी रेल की पटरियों के कुछ दूरी पर जिंदगी सांस ले रही है। जौनपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन स्थित धरनी-धरपुर मार्ग पर कुछ लोग झोपड़ी बनाकर अवैध रूप से आशियाना बना लिए हैं। जिस परिक्षेत्र में सभी रह रहे हैं वह रेलवे की संपत्ति है। हालांकि आरपीएफ इसे लेकर अनभिज्ञ है। अधिकारियों का कहना है कि एइएन अगर अपनी रिपोर्ट में यह बताते हैं कि रेलवे का परिक्षेत्र कहां तक है तो खाली कराया जाएगा। पूर्व में शाहगंज व श्रीकृष्णानगर रेलवे स्टेशन के आस-पास अभियान के तहत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की गई थी, जिन्होंने अनाधिकृत रूप से रेलवे की जमीन पर अपना आशियाना बना लिया था। अब ऐसा नहीं है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने रेल पटरियों के आस-पास झुग्गी झोपडिय़ों को हटाने का आदेश दिया है। भले ही यह आदेश दिल्ली के लिए हों, लेकिन यहां भी कुछ स्थानों पर तमाम लोगों ने रेलवे ट्रैक के आस-पास अवैध रूप से कब्जा जमा लिया है। जौनपुर जंक्शन जिले के प्रमुख स्टेशनों में एक है। सामान्य दिनों में यहां से कई एक्सप्रेस ट्रेनें रवाना होती हैं। आस-पास का क्षेत्र आबादी के लिहाज से काफी घना भी है। स्टेशन के पूर्व की दिशा में कूड़ा उठाने वाले व कुछ अन्य लोगों ने झोपड़ी रख ली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अधिकारियों की ओर से दलील दी जा रही है कि आदेश महज दिल्ली तक सीमित है। फिर भी यदि इंजीनियरिंग विभाग कहीं भी अवैध अतिक्रमण की जानकारी देगा तो कार्रवाई की जाएगी।
शाहगंज व श्रीकृष्णानगर रेलवे स्टेशन के समीप चला है अभियान
रेलवे पटरियों पर कब्जा जमाए लोगों के खिलाफ पूर्व में व्यापक तौर पर कार्रवाई की गई है। शाहगंज व बदलापुर के श्रीकृष्णानगर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ व स्थानीय पुलिस ने अतिक्रमण से रेलवे परिसर को मुक्त कराया है। शागहगंज रेलवे स्टेशन के मालगोदाम कालोनी के पास आरएफी प्रभारी संदीप यादव ने अवैध रूप से बने मकानों व दुकानों को जनवरी माह में तोड़वाया, जबकि जफराबाद-सुल्तानपुर रेल खंड के श्रीकृष्णानगर रेलवे क्राङ्क्षसग-23 सी भलुआहीं के अगल-बगल अवैध दुकानों को कुछ वर्ष पहले हटाया जा चुका है।
बोले अधिकारी
रेलवे की संपत्ति का नक्शा एईएन के पास रहता है। अवैध रूप से रह रहे लोगों की जानकारी नहीं है। यदि इंजीनियरिंग विभाग रिपोर्ट देगा तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
- शैलेष कुमार, आरपीएफ प्रभारी, जौनपुर जंक्शन।