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Chamoli Disaster वाराणसी में गंगा नदी का जलस्‍तर बढ़ने का अलर्ट, उत्‍तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने के बाद चेतावनी जारी

Chamoli Disaster उत्‍तराखंड में ऋषि गंगा नदी पर बना बांध टूटने के बाद प्रदेश भर में गंगा नदी के किनारे तटवर्ती लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। वहीं वाराणसी में भी स्थानीय स्तर पर केंद्रीय जल आयोग ने विभागीय स्तर पर अलर्ट जारी किया है।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 07:58 PM (IST)
Chamoli Disaster वाराणसी में गंगा नदी का जलस्‍तर बढ़ने का अलर्ट, उत्‍तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने के बाद चेतावनी जारी
गंगा नदी के किनारे तटवर्ती लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। Chamoli Disaster उत्‍तराखंड में ऋषि गंगा नदी पर बना बांध टूटने के बाद प्रदेश भर में गंगा नदी के किनारे तटवर्ती लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। वहीं वाराणसी में भी स्थानीय स्तर पर केंद्रीय जल आयोग ने विभागीय स्तर पर अलर्ट जारी किया है। इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी भेज दी गई है। हालांकि, गंगा किनारे नहीं जाने से संबंधित कोई निर्देश फ‍िलहाल जारी नहीं किया गया है। वहींं केंद्रीय जल आयोग की ओर से गंगा का जल स्तर बढ़ने की संभावना जताई गई है। बताया कि वाराणसी में असर आते आते सप्‍ताह भर तक का समय लग सकता है। 

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उत्‍तराखंड के चमोली क्षेत्र में ग्‍लेशियर का एक बड़ा हिस्‍सा ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्‍ट को तहस नहस करता हुआ आगे बढ़ रहा है। पानी प्रबल प्रवाह आगे बढ़ने पर काफी तेज गति से जल का प्रवाह बढ़ रहा है। हालांकि, इसके पूर्वांचल तक पहुंचने से पहले असर काफी कम होने की उम्‍मीद है। जबकि वाराणसी में केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी मान रहे हैं कि इसका असर आने तक पूर्वांचल में नदी का प्रवाह मामूली तौर पर बढ़ सकता है। इसके लिए नदी के जलस्‍तर पर निगरानी रखी जा रही है। जलस्‍तर का मापन नियमित किया जा रहा है। प्रशासन की‍ निगाह उत्‍तराखंड से आने वाल हर रिपोर्ट पर लगी हुई है। 

बलिया में अलर्ट, आठ दिन पहुंचेगा पानी

उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद अन्य जिलों के साथ बलिया में भी अलर्ट जारी हुआ है। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता भानुप्रताप सिंह ने बताया कि शासन से इस बाबत सूचना मिली है। भारी मात्रा में पानी गंगा में छोड़ा गया है। बलिया में इसको लेकर खास असर नहीं होगा लेकिन एहतियात के तौर पर कदम उठाए जाएंगे। गंगा के किनारे लगभग 90 गांव हैं। नेशनल हाइवे के किनारे बने 32 किलोमीटर के बंधे को लेकर कोई खतरे जैसी बात नहीं है मगर प्रशासन इस दिशा में मंथन कर रहा है। गांवों में निगरानी के लिए टीमें भेजी जाएंगी।


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