Ajit Singh Murder case : वर्चस्व के लिए सियासी मोहरे व चालें चलने में माहिर है ध्रुव सिंह कुंटू
Ajit Singh Murder case प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों में शुमार आजमगढ़ कुख्यात बदमाश ध्रुव सिंह कुंटू पूर्वांचल में बृजेश व मुख्तार के समानांतर अपना नया आपराधिक वर्चस्व स्थापित करना चाहता है। इसके लिए वह जरायम को व्यावासायिक और राजनीतिक मोहरों के माध्यम से विस्तार देना चाहता है।
मऊ [शैलेश अस्थाना]। प्रदेश के टॉप टेन अपराधियों में शुमार आजमगढ़ कुख्यात बदमाश ध्रुव सिंह कुंटू पूर्वांचल में बृजेश व मुख्तार के समानांतर अपना नया आपराधिक वर्चस्व स्थापित करना चाहता है। इसके लिए वह जरायम को व्यावासायिक और राजनीतिक मोहरों के माध्यम से विस्तार देना चाहता है। अपने आसपास के ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य आदि जनप्रतिनिधियों के पदों पर उसने अपने आदमियों को बैठाने का ताना-बाना बुन रखा है। तभी तो गाजीपुर के संजय यादव को आजमगढ़ के जहानागंज में, वाराणसी के गिरधारी को मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना में प्रमुख बनवाने के लिए सारे जोड़-तोड़ में लगा हुआ है। इसी तरह अन्य ब्लाकों में भी इसी तरह के अनेक मोहरे बैठाने की जुगत में लगा है। मुहम्मदाबाद गोहना के प्रमुख पद पर अजीत सिंह का वर्चस्व स्थापित कराने के बाद जब अजीत उसके मंशानुरूप काम नहीं कर सका तो अंतत: उसे रास्ते से हटवा दिया।
दरअसल कुंटू की असली मंशा पूर्वांचल में कमजोर होते बृजेश व मुख्तार गैंग के बीच अपने वर्चस्व को स्थापित करने की है। अपने आपराधिक साम्राज्य को आसानी से आगे बढ़ाने के लिए उसकी नजर सरकारी खजाने पर है। इसके लिए वह क्षेत्र व जिला पंचायतों में अपने मोहरे बैठाना चाहता है। खुद भी अपने परिवार का क्षेत्र पंचायत प्रमुख बनवाकर इसका फायदा लूट चुका है। अपनी राह को और आसान बनाने के लिए उसने आजमगढ़ जनपद के तरवां पूर्व ब्लाक प्रमुख कुख्यात अखंड प्रताप सिंह को भी अपने साथ मिला लिया है। एक लाख का ईनामी रहा अखंड इन दिनों जेल में है। इन दिनों भी तरवां ब्लाक पर अखंड का ही कब्जा है। अपनी इसी सियासी ताकत को बढ़ाने और सरकारी खजाने पर कब्जा करने के ख्वाब के कुंटू ने तहत अजीत सिंह को भी मुहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र पंचायत में स्थापित कराया था परंतु मंशानुरूप उसके काम न करने की वजह से उसने अंतत: लखनऊ में उसका काम तमाम करवा दिया। अजीत से बिगाड़ के बाद उसकी कोशिश मुहम्मदाबाद गोहना में अपने शार्प शूटर एक लाख के इनामी वाराणसी निवासी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डाक्टर को तो जहानागंज में गाजीपुर जनपद के कुख्यात संजय यादव को स्थापित करने की है। सूत्र यह भी बताते हैं खुद कुंटू स्थानीय निकाय से प्रदेश के उच्च सदन में जाने की महत्वाकांक्षा पाल रखा है।
नंबर बढ़ाने के लिए गिरधारी के मां-बाप को उतारा मैदान में
मुहम्मदाबाद गोहना में अजीत सिंह के वर्चस्व को तोड़कर खुद काबिज होने की गरज से उसने अपने शार्प शूटर गिरधारी को मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक के भदीड़ गांव में जमीन आदि दिलाकर वहां का वाशिंदा बनवाया और मतदाता सूची में शामिल कराया। इसके बाद वर्ष 2015 में गिरधारी ने भदीड़ से अपने पिता टग्गर तो बारा से अपनी मां कर्मा देवी को बीडीसी का चुनाव मैदान में उतारा। भदीड़ में कृष्णानंद सिंह उर्फ सिंटू ने उसके 441 वोट पाकर उसके पिता टग्गर को 23 मतों से हरा दिया तो मां कर्मा देवी को भी बारा में 224 वोट पाकर धीरज के मुकाबले 179 वोटों से पराजित हुई। इस तरह अजीत के वर्चस्व काे तोड़ने में कुंटू को मुंह की खानी पड़ी थी।