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Aircraft Crash In Azamgarh : ... तो कभी पता नहीं चलेगा कि कैसे हुआ था विमान दुर्घटनाग्रस्‍त !

आजमगढ़ सरायमीर क्षेत्र के फदीदुद्​दीनपुर कोलपुर कुशहा गांव के पास सोमवार को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में जांच शुरू हो गई है। नई दिल्ली और अमेठी से विशेषज्ञ हादसे की असलियत जानने के लिए पहुंचे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 12:23 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:54 PM (IST)
Aircraft Crash In Azamgarh : ... तो कभी पता नहीं चलेगा कि कैसे हुआ था विमान दुर्घटनाग्रस्‍त !
नई दिल्ली और अमेठी से विशेषज्ञ हादसे की असलियत जानने के लिए पहुंचे हैं।

आजमगढ़, जेएनएन। सरायमीर क्षेत्र के फदीदुद्​दीनपुर कोलपुर कुशहा गांव के पास सोमवार को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में जांच शुरू हो गई है। नई दिल्ली और अमेठी से विशेषज्ञ हादसे की असलियत जानने के लिए पहुंचे हैं। शुरुआती जांच में तेज हवा के कारण विमान का संरक्षा उपकरण टूटने से हादसा होने एवं पायलट की मौत होने की बात सामने आई है। हालांकि, अधिकारी कुछ भी स्पष्ट रूप से जांच पूरी होने के बाद ही कहने की बात कह रहे हैं। विमान का बीमा कवर ढाई करोड़ होने के कारण उसकी कीमत भी इसी के इर्द-गिर्द आंकी जा रही है। उधर दिवंगत पायलट का शव सोमवार देर रात में पोस्टमार्टम के बाद परिजन लेकर चले गए।

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ग्रुप कैप्टन समेत सात इंजीनियर कर रहे जांच

मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी फुरसतगंज अमेठी  के  एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रुप कैप्टन संदीप पुरी,  सी.बी.एन. यादव, एएआईबी (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो) से जुड़े के. रामाचंद्रन के अलावा नरेंद्र कुमार, राजीव कुमार, केसी मिश्रा आदि पहुंचे है। विशेषज्ञों की टीम ने पहले थाने में पड़े मलबे को देखा, उसके बाद घटना के इर्द-गिर्द घूमे। पांच सौ मीटर दूर विमान का खून से सना एक उपकरण बरामद हुआ, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट विमान में ही चोट लगने से घायल हो गया था। जांच अधिकारियों के अनुसार इस विमान में ब्‍लैक बाक्‍स नहीं होता लिहाजा अंतिम घडियों में क्‍या स्थिति थी इसकी जानकारी कभी नहीं हो सकेगी। दरअसल ब्‍लैक बाक्‍स वह उपकरण होता है जिसमें विमान के काम करते रहने के अंतिम समय तक क्‍या स्थिति रही उसकी जानकारी रिकार्ड होती है। ब्‍लैक बाक्‍स काफी मजबूत होता है जिसके जरिए कई विमान हादसे के वजहों की जानकारी उजागर हो चुकी है।

चार फीट जमीन में धंसा है इंजन

दुर्घटनाग्रस्त विमान का इंजन चार फीट जमीन में धंसे होने का अनुमान विशेषज्ञों ने लगाया है। सोमवार रात पहुंची विशेषज्ञों की एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था। इंजन की बरामदगी के लिए मंगलवार को मौके पर खोदाई कराई जाएगी। विशेषज्ञों ने बताया कि बारिश के कारण ही विमान में आग नहीं लग सकी थी। आशंका जताई कि आग लगने पर नुकसान ज्यादा हो सकता था।

ढाई करोड़ विमान का बीमा

विमान दुर्घटना की खबर पर न्यू इंडिया इंश्योरेंस के अधिकारी दयाशंकर मिश्र भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि विमान एवं पायलट दोनों का बीमा था। विमान का ढाई करोड़ व पॉयलट का 35 लाख रुपये का बीमा कवर था। ऐसे में विमान की कीमत भी ढाई करोड़ से ज्यादा ही आंकी जा रही है।

सिर में चोट लगने से हुई पायलट की मौत

पॉयलट की मौत सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर के अलावा पीठ, पैर, पेट समेत कोई ऐसा जगह नहीं, जहां चोट न दर्शायी गई हो। दोनों कूल्हे टूट गए थे। इससे कयास लगाई जा रही कि पायलट कोणार्क शरन बहुत ऊंचाई से गिरे होंगे।

यह है पूरा मामला

रायबरेली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकेडमी से उड़ान भरा एक विमान सोमवार को सरायमीर अंतर्गत  फरीदुद्​दीनपुर कोलपुर कुशहा गांव के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में प्रशिक्षु पायलट कोर्णाक शरण (24) की मौत हो गई थी। घटना दिन में 11 बजे के करीब मौसम खराब होने के बाद घटित हुई थी।


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