वाराणसी, जेएनएन । बनारस इन दिनों डिजिटल मीडिया से लेकर खबरों तक में वायरल हो रहा है। वजह पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में व्यापक वायु प्रदूषण को लेकर बढ़ रहा आक्रोश है। शहर पूरी तरह जहरीली गैस के चैंबर में जहां एक ओर बदल रहा है तो दूसरी ओर गलियों से लेकर मुख्य मार्गों पर धूल की बिछ रही चादर ने लोगों को दुश्वारी दे रखी है। अस्पातालों में सांस के रोगियों की संख्या जहां 25 फीसद तक बढ़ गई है वहीं दूसरी ओर लोग प्रदूषण को लेकर विरोध और अपना रोष जाहिर करने के लिए अजब तरीके भी अपना रहे हैं।
ताजा मामला वाराणसी सिगरा स्थित मंदिर का है जहां पर प्रदूषण के विरोध में पुजारी हरीश मिश्र की देखरेख में देवी देवताओं को मास्क पहना दिया गया। देखते ही देखते यह तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो गईं। देश की राजधानी नई दिल्ली सहित प्रमुख शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण छाए स्मॉग से बचने के लिए इंसान तो अपना बचाव कर ही रहा है, अब देव विग्रहों के स्वास्थ्य की चिंता भी लोगों को सताने लगी है। इससे पूर्व भी भगवान शिव की नगरी काशी में शिवलिंग को वायु प्रदूषण का मास्क पहनाने की तस्वीर वायरल हो चुकी है। ऐसे में वाराणसी अब राजधानी दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर देश भर में वायु प्रदूषण के लिए चर्चा का केंद्र बिंदु बन चुका है।
देव दीवाली पर बढेगा प्रदूषण
वाराणसी में दीवाली की रौनक तो रहती ही है मगर यहां इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली की मान्यता होने की वजह से यहां दीवाली से अधिक रौनक देव दीवाली पर होगी और जमकर पटाखे भी घाट से लेकर गलियों तक फूटेंगे। इसकी वजह से दीवाली से देव दीवाली तक पटाखों से शहर वायु प्रदूषण की जद में बना रहता है। वायु प्रदूषण के लिए कार्य करने वाली संस्था केयर फार एयर ने दीवाली पर शहर में कई जगहों पर वायु गुणवत्ता के आंकडों को चिंताजनक बताया था। अब कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में आयोजित होने वाली देव दीवाली पर आने वाली रिपोर्ट भी यकीनन चिंताजनक ही होगी।
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