आजमगढ़ में एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष नजरबंद, घर से निकलने पर लगी रोक, बाहर पुलिस का पहरा
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष को नजरबंद कर दिया।
आजमगढ़, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन ने एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष को नजरबंद कर दिया। घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है, वहीं उनके घर के बाहर पुलिस का पहरा भी लगा दिया गया है।
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम ) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली मूल रूप से अहरौला क्षेत्र के माहुल कस्बा के निवासी हैं। महराजगंज जिले में आयोजित एक जलसे में वे मंगलवार को शामिल होने के लिए जाने वाले थे। इस बात की जानकारी खुफिया विभाग के माध्यम से जब जिला प्रशासन को हुई तो जिला प्रशासन ने उनके घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दिया। जिला प्रशासन का निर्देश मिलते ही अहरौला थानाध्यक्ष मदन पटेल, माहुल चौकी प्रभारी तारकेश्वर राय मंगलवार की सुबह पुलिस फोर्स के साथ शौकत अली के आवास पर पहुंच गए। पुलिस ने शौकत को घर से बाहर निकलने से रोक दिया। सतर्कता के दृष्टि से उनके घर के बाहर पुलिस फोर्स निगरानी के लिए तैनात कर दी गई है। इसी के साथ ही पूरे कस्बा में भी पुलिस फोर्स पूरे दिन सक्रिय दिखाई दिया।
आंदोलन करने वालों को भेजे जेल
नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ मंगलवार को महाराणा प्रताप सेवा समिति की बैठक शिविर कार्यालय सिधारी पर हुई। अध्यक्षता करते हुए समिति अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने कहा कि संविधान के तहत लोकसभा व राज्यसभा के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल पास किया जा चुका है। बिल अब कानून का रूप ले चुका है। बिल के खिलाफ हो रहे उग्र आंदोलन संविधान के खिलाफ है। बिल का विरोध करने वाले लोगों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसक आंदोलन के चलते सरकारी व निजी संपत्तियों का नुकसान पहुंच रहा है, यह पूरी तरह से गलत है। जहां सरकारी व निजी संपत्तियां उपद्रवियों के द्वारा नुकसान हुई है उनसे इसकी भरपाई करानी चाहिए। ये उपद्रवी राष्ट्र के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रहे हैं। उन्हें राष्ट्रद्रोह के तहत जेल भेजना अति आवश्यक है।