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खेत खलिहान : बेमौसम बारिश से सरसों, मटर-आलू को खतरा और झुलसा की चिंता

पूर्वांचल में बेमौसम बारिश एक फिर किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है, किसानों को खेत में लहरा रहे सरसों, मटर और आलू में झुलसा रोग लगने का डर सताने लगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 10:11 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 07:35 AM (IST)
खेत खलिहान : बेमौसम बारिश से सरसों, मटर-आलू को खतरा और झुलसा की चिंता
खेत खलिहान : बेमौसम बारिश से सरसों, मटर-आलू को खतरा और झुलसा की चिंता

वाराणसी, जेएनएन। बेमौसम बारिश एक फिर किसानों के लिए मुसीबत लेकर आई है। किसानों को खेत में लहरा रहे सरसों, मटर और आलू में झुलसा रोग लगने का डर सताने लगा है। बूंदाबांदी और हवा के चलते सरसों में लगे फूल जमीन पर गिर गए है, यही स्थिति आगे भी रही तो खेतों में उत्पादन कम होने के साथ किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। परेशान किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि इस समस्या से कैसे निजात पाया जाए। जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या की मानें तो अन्न वाली फसलों के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी लेकिन सरसों, मटर, आलू समेत सब्जियों के लिए नुकसान दायक है। ऐसे में किसान कीड़े और रोग से बचाने के लिए कृषि वैज्ञानिक से राय लेकर दवा की छिड़काव करें। 

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-हवा और बूंदाबांदी के चलते सरसों में लगे फूल जमीन पर गिर गए हैं। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। आगे भी यही स्थिति बनी रही तो किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ेगा।  -राजू यादव, राजातालाब 

- बूंदाबांदी से सब्जियों को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा, यदि बारिश और हुई तो नुकसान होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पुरवा हवा चलने के साथ कोहरे पड़े तो सरसों में माहो रोग लगने का खतरा बढ़ जाएगा।  -अवधनारायण चौहान, चोलापुर 

-बारिश गेहूं के लिए फायदेमंद है लेकिन सरसों, मटर, आलू आदि के लिए नुकसानदायक है। अधिक बारिश होने पर सब्जी को ज्यादा नुकसान पहुंचेगा। -धर्मेद्र पटेल, नरऊर

- बारिश सरसों और मटर दोनों के लिए नुकसानदायक है। बदरी होने के साथ मटर में पावडरी मिल्यूड रोग लगना शुरू हो जाता है जिससे मटर की पत्ती पर सफेद पावडर की पर्त जमने लगती है। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। इसी तरह मौसम बना रहा तो सरसों में माहो और आलू में झुलसा रोग का खतरा बढ़ जाएगा। बूंदाबांदी से गेहूं को कोई नुकसान नहीं होने वाला है, बल्कि फायदेमंद है। -रामजी त्रिपाठी, प्रभारी एसडीओ एवं विषय वस्तु विशेषज्ञ 


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