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केदारनाथ के बाद काशी विश्वनाथ धाम में आदि शंकराचार्य के दर्शन, प्रतिमा का अनावरण करेंगे पीएम नरेन्‍द्र मोदी

बाबा दरबार से गंगधार तक एकाकार श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में गंगा गेट से प्रवेश करते ही आदि शंकराचार्य के दर्शन होंगे। सज-संवरकर तैयार बाबा के विस्तारित दरबार का 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण तो करेंगे ही आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 02:20 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 02:20 AM (IST)
केदारनाथ के बाद काशी विश्वनाथ धाम में आदि शंकराचार्य के दर्शन, प्रतिमा का अनावरण करेंगे पीएम नरेन्‍द्र मोदी
शंकराचार्य की प्रतिमा पहुंची काशी विश्‍वनाथ मंदिर चौक

वाराणसी, प्रमोद यादव। बाबा दरबार से गंगधार तक एकाकार श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में गंगा गेट से प्रवेश करते ही आदि शंकराचार्य के दर्शन होंगे। सज-संवरकर तैयार बाबा के विस्तारित दरबार का 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण तो करेंगे ही आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।

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प्रधानमंत्री ने इससे पहले दीपावली के दूसरे दिन पांच नवंबर को केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया था। वास्तव में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में चार प्रतिमाओं को स्थान दिया गया है। इनमें आदि शंकराचार्य के साथ महारानी अहिल्याबाई, भारत माता व कार्तिकेय शामिल हैैं। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में लगाने के लिए प्रतिमाओं के चयन में शास्त्रीय व ऐतिहासिक मान-विधान का ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन प्रतिमाओं का भी लोकार्पण करेंगे।

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में लग रही प्रतिमाओं में किसी का भी महत्व कम नहीं आंका जा सकता, लेकिन गेटवे आफ कारिडोर यानी गंगा गेट से प्रवेश कर स्वचालित सीढ़ी से चढ़ते ही पर्यटक सुविधा केंद्र व बहुउद्देश्यीय सभागार के बीच खाली स्थान में शंकराचार्य की प्रतिमा लगाई जा रही है। बनारस गैलरी के पास दाई ओर अहिल्याबाई तो बाएं छोर पर भारत माता होंगी। कार्तिकेय की प्रतिमा को वैदिक केंद्र के पास जगह दी गई है। धातु की इन 7.5 फीट की प्रतिमाओं के लिए दो फीट ऊंचे संगमरमर के प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैैं। इन्हें धूप व बरसात से बचाने के लिए छतरी भी लगाई जा रही है।

प्रतिमाओं के पास ही उनके बारे में विवरणयुक्त पत्थर (राइट अप पैनल) भी लगाए जाएंगे ताकि देश-दुनिया से आए धर्मानुरागी, जिज्ञासु व ज्ञान पिपासु इनके बारे में भी जान सकें।

पूरा हुआ शिव परिवार, विभूतियों को आभार

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का 1777 से 1780 के बीच निर्माण कराने में महारानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को देखते हुए कारिडोर में अहिल्याबाई की प्रतिमा लगाने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने दिए थे। इसे डीपीआर में शामिल करते हुए तीन अन्य प्रतिमाओं के लिए भी बाद में जगह बनाई गई। इसमें सनातन धर्म की पताका फहराने वाले आद्य शंकराचार्य को शामिल किया गया तो राष्ट्र धर्म का भाव समाहित करने के लिए भारत माता को स्थान दिया गया। काशीपुराधिपति दरबार में माता पार्वती व गणेश पहले से विराजमान हैं, अब कार्तिकेय प्रतिमा लगने से शिव परिवार पूरा हो जाएगा।


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