गिरधारी की गिरफ्तारी के बाद अटकलों का बाजार गर्म, शूटर का संरक्षण व शरण देने वाले हैं वाराणसी पुलिस के रडार पर
लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड के बाद कुख्यात अपराधी गिरधारी लोहार उर्फ डाक्टर एक बार फिर से चर्चा में है। इसे लेकर जुर्म की दुनिया में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। गिरधारी को मऊ वाराणसी लखनऊ पुलिस के अलावा एसटीएफ भी तलाश रही थी।
वाराणसी, जेएनएन। लखनऊ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड के बाद कुख्यात अपराधी गिरधारी लोहार उर्फ डाक्टर एक बार फिर से चर्चा में है। इसे लेकर जुर्म की दुनिया में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। दिल्ली में नाटकीय ढंग से हुई उसकी गिरफ्तारी के बाद कहा जा रहा है कि पूरा मामला पूर्वनियोजित था। इसमें एक पूर्व सांसद का हाथ होने की बात सामने आ रही है। कुल मिलाकर कयासों व अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। गिरधारी लोहार पर तहसील परिसर में हुए नितेश सिंह बबलू हत्याकांड में एक लाख का इनाम घोषित है। गिरधारी को मऊ, वाराणसी, लखनऊ पुलिस के अलावा एसटीएफ भी तलाश रही थी। इसके बावजूद वह दिल्ली पुलिस को गिरधारी बिना किसी नोकझोंक और बिना किसी मुठभेड़ के हाथ लग गया।
अजीत पर था मुखबिरी करने का शक
गिरधारी लोहार ने अजीत सिंह की हत्या दुस्साहसिक तरीके से की थी। बुलेट प्रूफ कार से लेकर गाड़ी में लोडेड पिस्टल भी अजीत सिंह की जान नही बचा सकी। अजीत सिंह पर गिरधारी को शक था कि वह उसकी गिरफ्तारी के लिए उसकी लोकेशन पुलिस को देता है। वही अजीत सिंह जो कभी आजमगढ़ जेल में बंद ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू का करीबी दोस्त हुआ करता था। सियासी पहुंच और संपत्ति बटवारे के कारण उसका दुश्मन बन बैठा था। गिरधारी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू गैंग का सबसे बड़े शूटरो में से एक माना जाता है।
कुंटू के गिरोह में शामिल हैं 22 बदमाश
ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू 70 से अधिक आपराधिक मामलों का आरोपित है। ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू आजमगढ़ जिले में वर्ष 2005 में रजिस्टर्ड डी-11 गैंग का सरगना है। पुलिस के अनुसार कुंटू दाहिना हाथ जेल में बंद अखंड सिंह है। वहीं अखंड का दाहिना हाथ गिरधारी है। पुलिस डोजियर के अनुसार कुंटू के गिरोह में 22 बदमाश हैं। 22 लोग उसे शरण देते हैं और 11 लोग उसके जमानतदार हैं। इसके अलावा कुंटू के सात पारिवारिक सदस्य हैं।
गिरधारी के 21 हैं शरणदाता
गिरधारी के परिवार में छह लोग हैं। इसके साथ ही पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों से लेकर लखनऊ और मुंबई तक उसे 21 लोग शरण देते हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो गिरधारी एक दुस्साहसिक शूटर है। वाराणसी में नितेश सिंह बबलू हत्याकांड में भी गिरधारी के दुस्साहस ने अपना परिचय दिया था। फिलहाल गिरधारी के शरणदाता पुलिस के रडार पर हैं।
शिवपुर पुलिस कोर्ट से लेगी वारंट बी
गिरधारी की तलाश वाराणसी और लखनऊ दोनों पुलिस कर रही थी। गिरधारी अचानक आज जब दिल्ली में गिरफ्तार हो गया है तो उसे लाने के लिए पुलिस मंथन कर रही है। लखनऊ पुलिस जहां अजीत सिंह हत्याकाण्ड में तो शिवपुर पुलिस एक लगभग डेढ़ वर्ष से अनसुलझे नितेश सिंह बबलू हत्याकाण्ड में उससे पूछताछ करना चाहती है। शिवपुर पुलिस गिरधारी को लाने के लिए कोर्ट से वारंट बी लेगी। इसके लिए कवायद की जा रही है। वही गिरधारी के आका लोग उसको प्रदेश में लाने से रोकने की भी जुगत में लग गए हैं। अब देखना होगा कि पुलिस को कब तक गिरधारी पूछताछ के लिए मिल पाता है।