क्लीन काशी के बाद अब ग्रीन काशी, मियावाकी पद्धति से लगेंगे 30 हजार पौधे और पांच हजार ट्री गार्ड
साफ-सफाई से स्वच्छ काशी बनाने के बाद अब काशी को हरा-भरा करने की भी योजना है। नगर निगम के उद्यान विभाग की ओर से इसका खाका तैयार कर लिया गया है। शहर के विभिन्न पार्काें व अन्य जगहों पर 30 हजार पौधे लगाए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : साफ-सफाई से स्वच्छ काशी बनाने के बाद अब काशी को हरा-भरा करने की भी योजना है। नगर निगम के उद्यान विभाग की ओर से इसका खाका तैयार कर लिया गया है।
शहर के विभिन्न पार्काें व अन्य जगहों पर 30 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा पांच हजार ट्री गार्ड भी तैयार किए जाएंगे। इस पर तकरीबन तीन करोड़ से ऊपर की धनराशि खर्च की जाएगी। यह राशि वन विभाग को स्थानांतरित कर दी गई है। पौधरोपण व ट्री गार्ड का कार्य वन विभाग की ओर से ही किया जाएगा।
समिति करेगी स्थल चयन
प्रभागीय वनाधिकारी के अनुरोध पर पौधरोपण के लिए नगर आयुक्त प्रणय सिंह की ओर समिति का गठन किया गया है। जिसमें प्रभागीय अधिकारी उद्यान दुष्यंत कुमार मौर्य व उद्यान अधीक्षक कृपाशंकर पांडे को शामिल किया गया है। इसके अलावा वन विभाग की ओर से वनाधिकारी सौरभ श्रीवास्तव व महावीर कालोजगी भी इस समिति के सदस्य हैं। समिति के सदस्यों द्वारा शहर के विभिन्न पार्कों व स्थलों का भौतिक निरीक्षण कर स्थल चयन किया जाएगा। हालांकि वन विभाग के पास यह अधिकार है कि वह समिति द्वारा स्थल चयन में फेरबदल कर सकता है।
क्या है मियावाकी पद्धति
कम से कम जगह में अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए मियावाकी पद्धति का उपयोग किया जाता है। इस पद्धति में ढ़ाई वर्गफीट में आठ से नौ पौधे वर्गाकार रूप में लगाए जा सकते हैं। इस पद्धति में पौधों की देखभाल के लिए कम से कम पानी से सिंचाई की जा सकती है। वर्गाकार रूप में लगाए गए पौधों के बीच जो खाली मिट्रटी बचती है, उस पर पुआल व सरपत्ता बिछा दिया जाता है। इसके अलावा पौधों के आसपास भी पुआल व सरपत्ता बिझा दिया जाता है। ताकि भू-जलस्तर बना रहे और कम से कम पानी की आवश्यकता पौधों को सिंचने में हो।
Edited By Saurabh Chakravarty