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मीरजापुर की चूनादरी में डूबे वाराणसी के दोनों युवकों का शव 20 घंटे बाद बरामद

अहरौरा क्षेत्र के चूनादरी जल प्रपात में डूबे दो युवकों के शव को चुनार से आए तीन गोताखोरों की टीम ने 20 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को खोजकर पानी से बाहर निकाल लिया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए चुनार भेज दिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 08:03 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 08:03 PM (IST)
मीरजापुर की चूनादरी में डूबे वाराणसी के दोनों युवकों का शव 20 घंटे बाद बरामद
गोताखोरों की टीम ने 20 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को खोजकर पानी से बाहर निकाल लिया।

मीरजापुर, जागरण संवाददाता। अहरौरा क्षेत्र के चूनादरी जल प्रपात में डूबे दो युवकों के शव को चुनार से आए तीन गोताखोरों की टीम ने 20 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को खोजकर पानी से बाहर निकाल लिया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए चुनार भेज दिया। पीएम के बाद दोनों परिजनों को युवकों का शव पुलिस ने सौंप दिया।

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रविवार को दो युवक चूनादरी जल प्रपात के कुंड में स्नान करते समय समा गए थे और इसकी भनक किसी को नहीं लगी। वाराणसी कैंट थाना क्षेत्र के तेलियाबाग निवासी अभिषेक विश्वकर्मा तीन दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए चूनादरी जल प्रपात पर आए थे। वह नहाने के दौरान गहरे कुंड में चले गए, जिससे वह पानी में लापता हो गए। इसके बाद वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र निवासी निखिल यादव भी उसी कुंड में डूब गए। निखिल को उसके सात साथी भी डूबते नहीं देख सके। सभी जल प्रपात के मनोरम दृश्य का लुत्फ उठाने में इतने मशगूल रहे हैं किसी को खबर तक नहीं लगी। काफी देर बाद जब निखिल का पता नहीं चला तो उसके अन्य साथी उसे ढूंढने का प्रयास किए और रविवार की रात में पुलिस को सूचना दी। झरने के पास रखे निखिल के कपड़ों से शक यकीन में बदल गया कि वह जलाशय में डूब गया है।

बड़े पिता ने जल प्रपात पर जाने से किया था मना : दो वर्ष पूर्व निखिल के पिता विनय नारायण यादव का देहांत हो गया था। निखिल के बड़े पिता विजय यादव को जब पता चला कि वह अपने दोस्तों के साथ लखनिया दरी जल प्रपात पर सैर-सपाटा करने के लिए जा रहा है, तो उन्होंने उसे मना किया था। इसके बाद भी वह दोस्तों के साथ चला आया और काल के गाल में समा गया।

गोताखोरों ने बताया चूना दरी में लोहे की जाल बिछाना जरूरी : चुनार से आए गोताखोर राजेश व शिवकुमार ने बताया कि चूना दरी के कुंड में गहरी दह है। जिसमें सैलानी नहाने के दौरान डूब जाते हैं और दह के चट्टान में फंस जाते हैं। इसे निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसका अंदाजा भी कोई नहीं लगा सकता है कि कितनी गहराई होगी। सैलानियों को डूबने से रोकने के लिए जल प्रपात के कुंड को लोहे की जाल बिछाकर रोकना पड़ेगा, जिससे लगातार हो रहे हादसे में रोक लग सके।


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