Move to Jagran APP

वाराणसी में 15 साल बाद जोगी बनकर लौटा लापता पुत्र, बोला- 'मां तुम मुझे भिक्षा दो, मेरा जोग सफल हो जाए'

हाजीपुर ग्राम निवासी कल्लू का पुत्र गुड्डू 15 वर्ष पूर्व अचानक घर से लापता हो गया। उस समय उसका विवाह भी हो चुका था। पुत्र के अचानक लापता होने के बाद कल्लू को परिवार वालों ने यथाशक्ति बहुत खोजबीन की लापता होने के बाबत थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 11:09 AM (IST)
वाराणसी में 15 साल बाद जोगी बनकर लौटा लापता पुत्र, बोला- 'मां तुम मुझे भिक्षा दो, मेरा जोग सफल हो जाए'
हाजीपुर ग्राम निवासी कल्लू राजभर का पुत्र गुड्डू लगभग 15 वर्ष पूर्व अचानक घर से लापता हो गया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। चोलापुर क्षेत्र के हाजीपुर ग्राम में मंगलवार शाम उस समय एक परिवार समेत पूरा गांव स्तब्ध रह गया जब लगभग 15 साल पूर्व उनका लापता पुत्र अचानक जोगी का भेष धारण कर घर लौटा और मां से भिक्षा की मांग करते हुए कहा कि "मां तुम अपने हाथ से मुझे भिक्षा दे दो ताकि मेरा जोग सफल हो जाए।" गांव भर में जोगी यानी गांव के सुनील उर्फ गुड्डू की वापसी की जानकारी होने के बाद पूरा गांव उमड़ पड़ा। आस पड़ोस से लेकर घर परिवार के लोग भी जोगी को मनाने के लिए उमड़ पड़े। हालांकि, जोग धारण कर चुका गुड्डू टस से मस होने को राजी नहीं था। 

loksabha election banner

हाजीपुर ग्राम निवासी कल्लू राजभर का पुत्र गुड्डू उर्फ सुनील राजभर लगभग 15 वर्ष पूर्व अचानक घर से लापता हो गया। उस समय उसका विवाह भी हो चुका था। पुत्र के अचानक लापता होने के बाद कल्लू को परिवार वालों ने यथाशक्ति बहुत खोजबीन की, लापता होने के बाबत थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई लेकिन पुलिस भी कुछ पता न लगा पायी। मंगलवार को गुड्डू हाथ में सारंगी लिए जोगिया वस्त्र धारण किए अचानक से अपने घर पहुंचा और माता आशा देवी से कहा कि तुम मुझे अपने हाथ से भिक्षा दे दो ताकि मेरा जोग सफल हो जाए।

हालांकि, पुत्र कितना भी बदल जाए मां की आंखें उसे पहचान ही लेती हैं। लेकिन वर्षों बाद बेटे को दरवाजे पर देख मां का हृदय द्रवित हो उठा। वह वर्षों बाद पुत्र को देख दहाड़ मार कर रोने लगी। माता के करुण क्रंदन को देख जोगी का मन भी द्रवित हुआ लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह उठा और चल दिया प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जाते-जाते जोगी गुड्डू ने कहा कि अगर मुझे भिक्षा नहीं मिलेगा तो मैं दरवाजे की मिट्टी लेकर चला जाऊंगा लेकिन अपने जोग साधना को बाधित नहीं होने दूंगा। क्षेत्र के पुरनियों ने कहा कि संन्यास धारण करने के बाद मां के हाथों भिक्षा मिलना जरूरी होता है इसी प्रक्रिया के तहत गुड्डू वापस घर की तरफ से लौटा होगा। फिलहाल मामले को लेकर क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.