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संस्कृत के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने के लिए बीएचयू का वैदिक केंद्र संस्कृत का शोध केंद्र बनने में सक्षम

यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि बीएचयू का वैदिक केंद्र संस्कृत का शोध केंद्र बन सकता है। संस्कृत के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने के लिए वैदिक केंद्र के विद्वानों के साथ मिलकर कार्य किया जा सकता है जो संस्कृत संस्कृति व देश की सेवा होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:30 AM (IST)
संस्कृत के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने के लिए बीएचयू का वैदिक केंद्र संस्कृत का शोध केंद्र बनने में सक्षम
बीएचयू का वैदिक केंद्र संस्कृत का शोध केंद्र!

वाराणसी, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सूबे राजकीय विद्यालयों में लोक सेवा आयोग से चयनित 436 अध्यापकों में नियुक्ति पत्र वितरित किया। आनलाइन समारोह में जनपद से चयनित संस्कृत प्रवक्ता अपर्णा पांडेय व हिंदी से चयनित लोकेश कुमार से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बीएचयू का वैदिक केंद्र संस्कृत का शोध केंद्र बन सकता है। संस्कृत के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने के लिए वैदिक केंद्र के विद्वानों के साथ मिलकर कार्य किया जा सकता है, जो संस्कृत, संस्कृति व देश की सेवा होगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मविश्वास व आत्मबल प्रदेश के विकास के लिए ताकत है। तीन वर्ष दस माह के कार्यकाल में प्रयास रहा है कि बिना भेदभाव के सभी लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। सरकारी नौकरियों एवं योजनाओं में आरक्षण नियमों का पालन करते हुए समाज के अंतिम पायदान के वंचितों को लाभान्वित करने का भी प्रयास किया गया है। सूबे में अब तक तीन लाख 75 हजार बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। प्रदेश सरकार की चार वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर चार लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य है।

मेहनत व ईमानदारी से शिक्षण करने की अपील

चयनित प्रवक्ताओं व सहायक अध्यापकों को व उनके परिवार के सदस्यों को बधाई देते हुए उन्होंने शिक्षकों से अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी व मेहनत करने की अपील की। कहा कि निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से सभी नियुक्तियां की गई है। कहा कि छात्रों के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों की अहम भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति लागू कर शिक्षा व्यवस्था को एक नई ऊर्जा देने का काम किया गया। 34 वर्ष बाद लागू होने वाली नई शिक्षा नीति निश्चित रूप से देश को दुनिया में ज्ञान के रूप में स्थापित करेंगे।  उन्होंने नव चयनित प्रवक्ताओं से नई शिक्षा नीति का अध्ययन करने और नई शिक्षा नीति के मूल्यों को अपनाते हुए अपने विद्यालयों में इसे स्थापित किए जाने पर बल दिया। कहा ज्ञान किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। खानाबदोश जिंदगी से विकास नहीं हो सकता, प्लानिंग व रणनीति से ही विकास संभव होता है। सरकारी कार्यों एवं योजनाओं को विद्यालयों व शैक्षिक तथा प्रशिक्षण संस्थाओं से जोड़े जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि शिक्षित नौजवानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में सहयोग दिया जा सके। कहा कि जिस विषय में डिग्री हासिल करें। उस विषय की पर्याप्त जानकारी भी होनी चाहिए।

नियुक्ति पत्र मिलते ही चयनित अध्यापकों के खिल उठे चेहरे

इस दौरान मुख्यमंत्री से बात करते हुए ङ्क्षहदी के चयनित अभ्यर्थी लोकेश कुमार ने बताया कि वह वर्तमान में वह बीएचयू से शोध कर रहे हैं। वहीं संस्कृत की चयनित प्रवक्ता अपर्णा पांडेय ने संस्कृत के गूढ़ रहस्यों पर चर्चा की। हालांकि दोनों अध्यापकों काफी समय दिया। बहरहाल नियुक्ति पत्र मिलते ही चयनित प्रवक्ताओं के चेहरे खुशी से खिल उठे ।

इन्हें मिला नियुक्ति पत्र

 समाजशास्त्र में नलिनी, शिक्षाशास्त्र अमृता श्रीवास्तव, संस्कृत में अपर्णा पांडेय, नागरिक शास्त्र में  पिंकी शर्मा, अर्थशास्त्र में नेहा विश्वकर्मा, अंग्रेजी में नीरज कुमार सिंह व श्रद्धा सिंह, भूगोल में भगवानदास पाल, नागरिक शास्त्र में कामिनी गुप्ता व ङ्क्षहदी में लोकेश कुमार को नियुक्ति पत्र मिला। वहीं उर्मिला देवी व रीता तिवारी अनुपस्थित रहे।

समारोह में ये रहे उपस्थिति

आयुक्त सभागार में आनलाइन आयोजित नियुक्ति पत्र व पदस्थापन समारोह में विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, जेडी अजय कुमार द्विवेदी, डीआइओएस डा. वीपी सिंह, डीडीआर ओंकार शुक्ल, डीआइओएस (द्वितीय) नरेंद्र देव, सह-जिला विद्यालय निरीक्षक शिवपूजन द्विवेदी सहित अन्य लोग मौजूद थे।


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