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दुनिया में 80 करोड़ लोगों को नहीं मिल पा रहा भोजन, एक अरब से ज्‍यादा लोगों की रोजाना आय एक डालर से भी कम

बदलते वैश्विक परिदृश्य में सतत कृषि विकास विषयक तीन दिवसीय संगोष्ठ का आयोजन बीएचयू में शुक्रवार को किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 12:15 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 03:19 PM (IST)
दुनिया में 80 करोड़ लोगों को नहीं मिल पा रहा भोजन, एक अरब से ज्‍यादा लोगों की रोजाना आय एक डालर से भी कम
दुनिया में 80 करोड़ लोगों को नहीं मिल पा रहा भोजन, एक अरब से ज्‍यादा लोगों की रोजाना आय एक डालर से भी कम

वाराणसी, जेएनएन। बदलते वैश्विक परिदृश्य में सतत कृषि विकास विषयक तीन दिवसीय संगोष्ठ का आयोजन बीएचयू में शुक्रवार को किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित आईएसडी के निदेशक प्रो. जीएस सिंह और प्रो. एके सिंह ने किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि इक्कीसवी शताब्दी में कृषि के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम वर्तमान की आवशयकताओं को पूरा करते हुए विकास के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों के बीच तालमेल की बनाएं ताकि हम भावी पीढ़ी की आजीविका को कोई खतरा न हो। आने वाले पचास वर्षों में विश्व की जनसंख्या 3 अरब ओर बढ़ जायेगी तथा सबसे ज्यादा जनसंख्या वृद्धि विकासशील देशों में होने का अनुमान है। अगर हम वर्तमान की बात करें तो दुनिया में 80 करोड़ लोगों को भोजन नहीं मिल पाता और एक अरब से ज्यादा लोग प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम आमदनी में अपना जीवन यापन करते हैं। यह खाद्य असुरक्षा एवं गरीबी विश्व जो कि विश्व कि एक चौथाई जनसंख्या को प्रभावित कर रही है हमारे आर्थिक विकास और वैज्ञानिक प्रगति पर सवाल खड़े करती है।

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वर्तमान परिद्रश्य में सभी लोगों की खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति एवं गरीबी को दूर करने के लिए सतत कृषि एवं ग्रामीण विकास के आलावा हमारे पास दूसरा कोई उपाय नहीं है। इन जरूरतों को देखते हुए इस सम्मलेन का मुख्य उद्देश्य सतत कृषि की समकालीन और नवीन तकनीकों से से कृषकों के आय को दुगना करने के तरीकों पर विचार करना है। इस सम्मलेन के मुख्य विषय के तहत जलवायु स्मार्ट फसल एवं पशुधन उत्पादन की तकनीकें, खाद्य विज्ञान और फसल कटाई के बाद की उन्नत तकनीक, पर्यावरण, सततता तथा जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता और बौद्धिक सम्पदा अधिकार: मुद्दे एवं चुनौतियां, उद्योग, उद्यमिता एवं विकास की प्रवर्तियाँ और भावी आशाएं, शिक्षा, विस्तार एवं नीतिगत मुद्दे शामिल है।

इस सम्मलेन में 90 से ज्यादा वैज्ञानिक और 300 से ज्यादा छात्रों शिरकत कर रहे हैं। अध्यक्षता विज्ञान के नेतृत्व वाली सामाजिक-सांस्कृतिक प्रगति के लिए रॉयल एसोसिएशन (आरएएसएसए)  के अध्यक्ष इंजिनियर एके  सिंह ने किया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) के अध्यक्ष एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पंजाब सिंह एवं विशिष्ट अतिथि बांदा कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यूएस गौतम थे।


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