Move to Jagran APP

वाराणसी के 79 शहरी गांव- एक अक्टूबर से लावारिस हो जाएंगे, राज्यपाल के सत्यापन का इंतजार

अजब विडंबना है शहरी सीमा से सटे गांवों का। अनियोजित विकास से हालात ऐसे हो गए हैं कि अब तक खेत रहा न खलिहान और न ही मिला 79 गांवों को शहर का मान। हालात ऐसे हो गए हैं कि 30 तारीख के बाद ये गांव लावारिस हो जाएंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 10:24 PM (IST)
वाराणसी के 79 शहरी गांव- एक अक्टूबर से लावारिस हो जाएंगे, राज्यपाल के सत्यापन का इंतजार
वाराणसी के 79 शहरी गांव- एक अक्टूबर से लावारिस हो जाएंगे।

वाराणसी, जेएनएन। अजब विडंबना है शहरी सीमा से सटे गांवों का। अनियोजित विकास से हालात ऐसे हो गए हैं कि अब तक खेत रहा न खलिहान और न ही मिला 79 गांवों को शहर का मान। नगर निगम प्रशासन द्वारा चतुर्दिक सीमा विस्तार का प्रस्ताव चार साल पहले ही मिनी सदन में पास करने के बाद शासन को भेज दिया गया है। कैबिनेट की हरी झंडी भी मिल गई, लेकिन अब तक नगर निगम प्रशासन ने इस बाबत कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। हालात ऐसे हो गए हैं कि 30 तारीख के बाद ये गांव लावारिस हो जाएंगे।

loksabha election banner

ग्राम पंचायत स्तर से सभी कार्यों को पूर्ण कराकर मुक्त कर दिया जाएगा, जबकि नगर निगम ने कोई विधिक कार्यवाही नहीं की है जिससे उन गांवों को शहरी सीमा में मानकर उनकी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा सके तो समस्याओं के निदान के लिए जवाबदेह बने। जन्म प्रमाण पत्र से लेकर कई ऐसे अहम कागजात भी निर्गत होने में समस्या  होगी जो अब तक ग्राम पंचायतों से होते रहे हैं। वहीं, नगर निगम तब तक यह कार्यवाही शुरू करेगा जब तक राज्यपाल के सत्यापन के बाद गांवों को शहरी मानते हुए गजट न करा दिया जाए। वर्तमान में नगर निगम प्रशासन की ओर से हुई कवायद के अनुसार मार्च माह में ही शासन के माध्यम से सत्यापन के लिए पत्र राज्यपाल को भेजा गया था। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आशंका है कि सत्यापित पत्र मिलने में देर हो रही है।

नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अब तक सत्यापन पत्र नहीं मिला

नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अब तक सत्यापन पत्र नहीं मिला है। नोटिफिकेशन जारी होते ही नगर निगम प्रशासन गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास शुरू कर देगा।

-देवीदयाल वर्मा, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम, वाराणसी

चतुर्दिक शहरी सीमा में शामिल गांव

पूरब सीमा के गांव : हिरामनपुर, संदहा, रुस्तमपुर, तिलमापुर, आशापुर, लेढ़ूपुर, रसूलपुर, रघुनाथपुर, दीनापुर, सलारपुर, खालिसपुर, कोटवां, सरायमोहाना, डोमरी व सूजाबाद आदि।

पश्चिम सीमा के गांव : चूरामनपुर, ककरमत्ता, मड़ौली, जलालीपट्टी, पहाड़ी, गनेशपुर, कंचनपुर, भिखारीपुर कला, भिखारीपुर खुर्द, चांदपुर, महेशपुर, शिवदासपुर, तुलसीपुर, मंडुआडीह, लहरतारा, फुलवरिया, बड़ागांव अव्वल व नाथूपुर आदि।

उत्तरी सीमा के गांव : गणेशपुर, तरना, हटिया, छतरीपुर, चुप्पेपुर, होलापुर, परमानंदपुर, लोढ़ान, बांसदेवपुर, अहमदपुर, हरिहरपुर, सरसवां, कानूडीह, दांदूपुर, ऐढ़े, हरबल्लमपुर, बनवारीपुर, लमही, मड़वां, रसूलपुर, सोएपुर, रमदत्तपुर, गोइठहां, रजनहिया, हृदयपुर, हसनपुर, सिंहपुर, मुंगदरपुर, खजुही, फरीदपुर, बकसड़ा, खरगपुर व मझमिठिया आदि।

दक्षिणी सीमा के गांव : भगवानपुर, डाफी, छित्तूपुर, सुसुवाही, चितईपुर, अवलेशपुर, करौंदी, सीरगोवर्धनपुर, नासिरपुर, नुआंव, कंदवा व पोंगलपुर आदि।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.