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69,000 शिक्षक भर्ती: वाराणसी में भी सक्रिय हुई एसटीएफ, फर्जीवाड़े के मामले में संदिग्धों पर नजर

परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में धांधली को लेकर स्पेशल टाक्स फोर्स (एसटीएफ) बनारस व भदोही में भी सक्रिय है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 02:58 PM (IST)
69,000 शिक्षक भर्ती: वाराणसी में भी सक्रिय हुई एसटीएफ, फर्जीवाड़े के मामले में संदिग्धों पर नजर
69,000 शिक्षक भर्ती: वाराणसी में भी सक्रिय हुई एसटीएफ, फर्जीवाड़े के मामले में संदिग्धों पर नजर

वाराणसी, जेएनएन। परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में 69,000 शिक्षक भर्ती में धांधली को लेकर स्पेशल टाक्स फोर्स (एसटीएफ) बनारस व भदोही में भी सक्रिय है। एसटीएफ परीक्षा में सेटिंग करने वाले आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। कुछ संदिग्धों पर एसटीएफ नजर भी बनाए हुए है। साक्ष्य मिलते ही दोनों जिलों में एसटीएफ कभी भी छापा मार सकती है। सहायक शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़े के मामले में गत दिनों प्रयागराज पुलिस ने दो अभ्यर्थियों सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपी जेल भेज दिए गए हैं। इसमें धर्मेंद्र कुमार पटेल नामक एक अभ्यर्थी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र बताया जा रहा है।

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धर्मेंद्र विश्वविद्यालय से शास्त्री व शिक्षाशास्त्र (बीएड) की डिग्री हासिल की है। ऐसे में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का तार विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ हैं। सूत्रों का मानना है कि धर्मेंद्र सहित सभी पांचों आरोपियों से गत दिनों पूछताछ भी की गई है।  इसके बयान के आधार पर एसटीएफ ने बनारस व भदोही जिलों में भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। सूत्रों का कहना है जनपद के शिक्षाधिकारियों से भी इस प्रकरण में पूछताछ होने की संभावना जताई जा रही है। सहायक शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़े में किसी गैंग के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। कारण छह जनवरी 2019 को हुई लिखित परीक्षा में भी सूबे के कई केंद्रों से फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे।

चोलापुर से भी जोड़ कर देखा जा रहा प्रकरण

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के प्रकरण में एसटीएफ ने गत दिनों चोलापुर क्षेत्र से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसटीएफ पेपर लीक होने के मामले को सहायक शिक्षक भर्ती में हुई धांधली से भी जोड़ कर देख रही है। कहीं दोनों मामले में एक ही गैंग तो शामिल नहीं है। बहरहाल एसटीएफ की सक्रियता से फर्जीगिरी करने वालों में खलबली मची हुई है।


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