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मौत के वाहन : सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रही 68 एंबुलेंस, आजमगढ़ में अनफ‍िट एंबुलेंस बनी चुनौती

आजमगढ़ जिले में 68 अनफिट (बीमार) एंबुलेंस सड़क पर रफ्तार भर रहे हैं। ऐसे में आपकी जल्दीबाजी में मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है। सरकार ने कोविड काल में टैक्स में रियायत दी तो एंबुलेंस वाले फिटनेस भी कराना भूल गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 06:55 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 06:55 AM (IST)
मौत के वाहन : सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रही 68 एंबुलेंस, आजमगढ़ में अनफ‍िट एंबुलेंस बनी चुनौती
दरअसल, बीमार एंबुलेंस मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।

आजमगढ़, जेएनएन। एंबुलेंस से मरीज को अस्पताल ले जा रहे तो सतर्क हो जाइए ...। जिले में 68 अनफिट (बीमार) एंबुलेंस सड़क पर रफ्तार भर रहे हैं। ऐसे में आपकी जल्दीबाजी में मरीज की जान जोखिम में पड़ सकती है। सरकार ने कोविड काल में टैक्स में रियायत दी तो एंबुलेंस वाले फिटनेस भी कराना भूल गए। परिवहन विभाग के अफसरों ने फाइलें पलटीं तो उनके होश उड़ गए। दरअसल, बीमार एंबुलेंस मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।

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फिटनेस क्या है?

-वाहनों को सड़कों पर उतारने से पूर्व एक सुरक्षा के आदर्श मानक में फिट किया जाता है। मोटर एक्ट अधिनियम में प्रत्येक वर्ष वाहनों के लिए दो वर्ष में एक बार फिटनेस लेने का प्रावधान है। विशेषज्ञ गाड़ी को प्रत्येक मानकों पर तराशने के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करते हैं। फिटनेस वाले वाहनों से टेक्निकल कमियों के कारण एक्सीडेंट होने की आशंका नहीं के बराबर होती है।

दो प्रकार के होते फिटनेस

-फिटनेस भौतिक एवं यांत्रिक दो प्रकार के होते हैं। यांत्रिकी में वाहन का ब्रेक, वाइपर, लाइट, पार्किंग लाइट, हूटर, कलर, नंबर प्लेट, रेडियम, प्रदूषण, इंश्याेरेंस, रजिस्ट्रेशन बुक, हार्न इत्यादि चेक किए जाते हैं, जबकि भौतिक जांच में एंबुलेंस में उसके क्राइटेरिया के मुताबिक सेहत के उपकरण देखे जाते हैं।

हादसे की वजह जानिए

-ईंधन की महंगाई के कारण एलपीजी एवं सीएनजी का उपयोग किया जा रहा है। वाहनों में इस्तेमाल किट सुरक्षा मानकों के मुताबिक न होने से आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। कमोवेश एक ही फायर टेंडर सालों वाहनों में पड़े रहते हैं, जबकि इनके भी एक्सपायर होने की एक अवधि होती है। इन उपकरणों की सुरक्षा अनदेखी पर एंबुलेंस में आग की लगने की आशंका प्रबल हो जाती है।

एंबुलेंस के प्रकार

1-एडवांस लाइफ सपोर्ट।

2-बेसिक लाइफ सपोर्ट।

3-पेशेंट ट्रांसपोर्ट।

जांच एवं इलाज के ये इंतजाम जरूरी

1-ग्लूकोमीटर

2-थर्मामीटर

3-बीपी जांच उपकरण

4-आक्सीजन सिलिंडर

5-पल्स ऑक्सीमीटर

6-व्हीलचेयर

7-स्ट्रेचर

8-आक्सीजन सिलिंडर

बोले अधिकारी 

‘दो वर्ष में एक बार फिटनेस लेना चाहिए। जिले में 200 एंबुलेंस रजिस्टर्ड हैं। 68 ने फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं लिया है। कोविड काल में सरकार ने टैक्स जमा करने में समय की छूट दी थी। फिटनेस को लेकर कोई रियायत नहीं थी, लेकिन 68 लोगों ने इसकी अनदेखी की है।’ -सत्येंद्र कुमार यादव, एआरटीओ प्रशासन। 


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