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गेहूं के बीज पर अब 60 फीसद सब्सिडी, अब 3200 रुपये प्रति क्विंटल का बीज 1320 रुपये में

वाराणसी में बुधवार को सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अधिकारियों के समीक्षा बैठक की जिसमें कई जरूरी निर्देश दिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 04:58 PM (IST)
गेहूं के बीज पर अब 60 फीसद सब्सिडी, अब 3200 रुपये प्रति क्विंटल का बीज 1320 रुपये में
गेहूं के बीज पर अब 60 फीसद सब्सिडी, अब 3200 रुपये प्रति क्विंटल का बीज 1320 रुपये में

वाराणसी, (जेपी पांडेय)। सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि रबी की फसल गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने गेहूं के बीज पर सब्सिडी 50 से बढ़ाकर 60 फीसद कर दी है। अब किसानों को 3200 रुपये प्रति क्विंटल का बीज 1320 रुपये में मिलेगा। कोई धांधली न कर सके इसके लिए सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जा रही है। इसकी मानीट¨रग प्रदेश स्तर पर हो रही है, कोई भी गड़बड़ी मिलने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई तय है। कृषि मंत्री ने बुधवार को सर्किट हाउस में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह बातें कहीं।

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उन्होंने कहा कि दलहन और तिलहन के बीज पर 50 से 75 फीसद तक सब्सिडी है। पिछले साल सब्सिडी देने का नतीजा रहा कि किसानों ने तोरिया और सरसों की एक लाख हेक्टेयर अधिक खेती की। इस साल यह आंकड़ा भी पार हो जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में 8.35 लाख क्विंटल बीज अनुदान का लक्ष्य रखा गया है। इसका लाभ एक एकड़ तक खेती करने वाले किसानों को मिलेगा। कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देकर किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश की गई है। खुद के संसाधन रहने पर लागत कम आएगी, दूसरे के टैक्टर से खेत की जोताई पर लागत बढ़ जाती है।

प्रदेश में इस साल 1.80 करोड़ किसानों के मिट्टी का सैंपल लिया गया है। इसमें करीब 40 फीसद मिट्टी की जांच हो चुकी है। किसान भी खुद मिट्टी की जांच कराने में रुचि दिखा रहे हैं।

सब्सिडी पर 10 हजार सौर ऊर्जा पंप : किसानों को सिंचाई में कोई परेशानी न हो, इसके लिए उनको 10 हजार सौर ऊर्जा पंप सब्सिडी पर दिए जाएंगे। दो से तीन हार्सपावर पंप पर 70 फीसद और पांच हार्सपावर पंप पर 50 फीसद की सब्सिडी दी जा रही है। आवेदन की तिथि 10 दिसंबर तक है।

ब्लाक केंद्रों पर गेहूं के बीज-2967 नहीं होने पर कृषि मंत्री ने नाराजगी जताई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि तत्काल बीज उपलब्ध कराएं। केंद्रों पर बीज नहीं मिलने पर जिले के अफसर जिम्मेदार होंगे। जिले से सही समय पर सूचना मुख्यालय भेजी जाए जिससे बीज की उपलब्धता बनी रहे।


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