Virtual Carpet Fair जुड़ेंगे दुनिया के 500 आयातक, 21 से 25 अगस्त के बीच सीईपीसी करेगा ऑनलाइन ब्रांडिंग
दुनिया भर से करीब 500 आयातकों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाकर भारतीय कालीन के हुनर को बड़े फलक पर पहुंचाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
भदोही, जेएनएन। एक अंतरराष्ट्रीय कारपेट फेयर रद हो चुका है, अक्टूबर में प्रस्तावित मेले पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में कालीन कारोबार की इंटरनेशनल ब्रांडिंग का नया तरीका खोज लिया गया है। दुनिया भर से करीब 500 आयातकों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाकर भारतीय कालीन के हुनर को बड़े फलक पर पहुंचाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आयोजन 21 से 25 अगस्त के बीच होगा। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने शुक्रवार को वर्चुअल कारपेट फेयर का आयोजन कराने के लिये वेबिनार से सात कंपनियों से विमर्श किया। उनमें किसी एक कंपनी को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। फिलहाल उनके द्वारा तैयार ब्लू ङ्क्षप्रट पर विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें सीईपीसी बोर्ड के निदेशक भी शामिल रहे। करीब 200 निर्यातकों को इस कार्यक्रम में जोडऩे की योजना सीईपीसी बनाने में जुटी है। चेयरमैन सिद्धनाथ ङ्क्षसह ने बताया कि कार्यक्रम की तारीख तय कर ली गई है। इसकी तैयारियां पुरजोर तरीके से की जाने लगी है।
आयोजन लागत में आएगी कमी
कालीन निर्यातक उमेश गुप्ता ने बताया कि जमीन पर इंटरनेशनल कारपेट फेयर का आयोजन कराने में लागत बहुत आती थी, लेकिन ऑनलाइन आयोजन मेें 50 फीसद से ज्यादा लागत घटेगी। इसमें अमेरिकन और यूरोपीय देशों के आयातकों को आमंत्रण भेजा जाएगा। आठ हजार से अधिक आयातक को बुलाया जाएगा। 400 आयातक तक भी हम देश की कारीगरी दिखा सके तो आयोजन सफल माना जाएगा। इसके लिये बड़े आयातक तैयारी में जुट गये हैं।
चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह चेयरमैन ने बताया कि अकेले भदोही के 200 से अधिक निर्यातकों का करोड़ों रुपये डंप है। जो मंदी के दौर में अच्छी बात नहीं है। करीब 12000 करोड़ के निर्यात में 50 से 60 फीसद भागीदारी यूएसए में हो रहा है और यूएसए की स्थिति काफी कमजोर है। आगले छह माह में स्थिति ठीक होने का आसार भी नहीं दिख रहा है। जबकि बाकी 25 से 30 फीसद यूरोपीय संघ में जाता है।