वाराणसी में वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के पंजीकरण में 40 फीसद उपभोक्ताओं को नहीं मिला लाभ
वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) का उपभोक्ताओं को लाभ दिलाने में इस बार बिजली विभाग नाकाम साबित हुआ है। शुरू से ही वाराणसी जोन में चंदौली के मुगलसराय जौनपुर तथा गाजीपुर जिले पीछे चल रहे थे जो अंत तक पीछे रह गए।
वाराणसी, जेएनएन। वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) का उपभोक्ताओं को लाभ दिलाने में इस बार बिजली विभाग नाकाम साबित हुआ है। शुरू से ही वाराणसी जोन में चंदौली के मुगलसराय, जौनपुर तथा गाजीपुर जिले पीछे चल रहे थे जो अंत तक पीछे रह गए। अंतिम तिथि 31 जनवरी तक यहां ओटीएस में 40 से 45 फीसद पंजीकरण हुआ है। वहीं वाराणसी में चार डिवीजन भी इसमें भी पीछे रह गए। नगरीय विद्युत वितरण खंड-तृतीय, चतुर्थ, पंचम और अष्ठम में ओटीएस पंजीकरण 60 फीसदी हो सका। इसकी जानकारी योजना की समाप्ति पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से कराए गए सर्वे के आधार पर बनी सूची से हुआ है। यह सूची प्रबंध निदेशक तथा मुख्य अभियंता को सौंपी गई है।
डिवीजन | रजिस्ट्रेशन |
प्रथम | 255 |
द्वितीय | 645 |
चतुर्थ | 127 |
सप्तम | 340 |
बोले अधिकारी
ओटीएस योजना में इस बार कम पंजीकरण होना चिंताजनक है। समीक्षा करके यह पता लगाया जाएगा कि किन कारणों से हम लक्ष्य तक नहीं पहुँच सके। - डॉ. सरोज कुमार, एमडी, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम
15 जनवरी के आसपास सभी अधिशासी अभियंता को योजना के प्रचार प्रसार के लिए कहा गया था। उसके बाद भी हम लक्ष्य तक नहीं पहुँच सके। इसके लिए सभी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। - मनोज कुमार अग्रवाल, मुख्य अभियंता।
डिवीजन | रजिस्ट्रेशन |
तृतीय | 432 |
पंचम | 185 |
षष्ठम | 376 |
अष्ठम | 198 |
मारपीट और मुकदमेबाजी में उलझे रहे अधिकारी
ओटीएस योजना के दौरान प्रचार-प्रसार के बजाय अधिकारी मारपीट और मुकदमेबाजी में उलझे रहे। उसके बाद मामले को सुलझाने के लिए और काम बंद कर हड़ताल करने के साथ ही उच्चाधिकारियों का समय भी योजना की समीक्षा और प्रगति रिपोर्ट जानने के बजाय दोनों पक्षों के बीच हुए विवाद को शांत करने में चला गया। इन सब के बीच नुकसान जनता को हुआ। जैसे ही योजना की समाप्ति हुई बिजली विभाग में चल रहे सभी विवाद भी अब ठंडे हो गए हैं।