श्रद्धापूर्वक मनाया गया गुरु तेग बहादुर का 344वां शहीदी गुरुपर्व, दरबार साहिब में श्रद्धालुओं ने गुरुग्रंथ साहिब को टेका मत्था
गुरुद्वारा बड़ी संगत-नीचीबाग में रविवार को सिख धर्म के नौवें पातशाह हिंद की चादर गुरु तेगबहादुर साहिब का 344वां शहीदी गुरु पर्व समूह साध-संगत की ओर से श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
वाराणसी, जेएनएन। गुरुद्वारा बड़ी संगत-नीचीबाग में रविवार को सिख धर्म के नौवें पातशाह, हिंद की चादर गुरु तेगबहादुर साहिब का 344वां शहीदी गुरु पर्व समूह साध-संगत व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से श्रद्धापूर्वक मनाया गया।
इस उपलक्ष्य में गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग में 29 नवंबर को रखे गए अखंड पाठ साहिब की समाप्ति हुई। वहीं सुबह पांच बजे से सात बजे तक वैरामयी कीर्तन हुआ। इस दौरान दरबार साहिब में श्रद्धालुओं ने गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेका। सजे दीवान में गुरुद्वारा नीचीबाग के हजूरी रागी जत्था भाई रकम सिंह ने गुरुवाणी सबद-कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। वहीं गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी भाई जगतार सिंह ने दीवान समाप्ति की अरदास की। इससे पूर्व उन्होंने गुरु साहिब के वाणी उपदेश के बारे में बताया। कहा गुरु तेगबहादुर की वाणी वैराग रस से परिपूर्ण इतनी मधुर थी कि कठोर ह्दय वाला भी पिघल उठे। सुख-दुख, मान-अपमान एवं अमीरी-गरीबी में मन को स्थिर रखने में सहायक एवं निडरता, दृढ़ता, दिलेरी व पक्के इरादे जैसे गुणों से परिपूर्ण गुरु का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। संगत का शुक्रिया अदा करने के बाद गुरु का अटूट लंगर वरताया गया।