वाराणसी में कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर से मुकाबले के लिए शासन से मांगे 32 डाक्टर व 250 स्टाफ
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को समृद्ध करने की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। कहीं आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए चबूतरे बनकर तैयार हैं तो कहीं आक्सीजन के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को समृद्ध करने की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है। कहीं आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए चबूतरे बनकर तैयार हैं तो कहीं आक्सीजन के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है। कहीं बेड बढ़ाए जा रहे तो कहीं सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इन सबके बावजूद सीएचसी-पीएचसी मानव संसाधन की कमी से जूझ रहे हैं। संक्रमण से इस जंग में जहां स्वास्थ्य महकमे को 32 से अधिक विशेषज्ञ डाक्टरों की जरूरत है, वहीं 250 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की कमी भी पूरी करनी होगी।
हाल ही में शासन स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए करीब 3500 पद सृजित किए गए हैं, जिन पर आवेदन भी मांगे गए हैं। सीएचसी-पीएचसी सहित राजकीय अस्पतालों में डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन को पत्र लिखकर करीब 32 डाक्टर व 250 पैरामेडिकल स्टाफ मांगे गए थे, जिनमें एनेस्थेसिस्ट, एमडी मेडिसिन और रेडियोलाजिस्ट आदि शामिल हैं। एसीएमओ डा. एके मौर्या के मुताबिक जिले में न तो एनेस्थेसिस्ट और न ही रेडियोलाजिस्ट हैं। वहीं एमडी मेडिसिन की संख्या भी मानक से कम है। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शासन के निर्देशानुसार जिले में डाक्टरों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
जनपद में हैं 14 सीएचसी
वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जनपद के 307 उपकेंद्र में से 160 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर संचालित हैं। वहीं 24 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 22 एडिशनल ग्रामीण पीएचसी हैं। अर्बन मिशन के तहत पांच पीएचसी की शुरुआत होते ही शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 24 से बढ़कर 29 हो जाएगी। वहीं जनपद में ग्रामीण एवं शहरी पीएचसी की संख्या जो पहले 46 थी, बढ़कर 51 हो जाएगी।
कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति :
सीएचसी पिंडरा
- 30 बेड के सापेक्ष 25 हो पाए तैयार।
- पांच आक्सीजन कंसंट्रेटर।
- एक्स-रे मशीन है, लेकिन रेडियोलाजिस्ट नहीं।
- ओटी है, लेकिन सर्जन नहीं।
- प्रभारी चिकित्साधिकारी को गजोखर भेज दिए जाने से मात्र दो डाक्टर कर रहे ड्यूटी।
- स्वीपर, चौकीदार व स्टाफ नर्स के दो-दो पद हैं खाली।
सीएचसी गजोखर
- 30 बेड हैं तैयार।
- पांच आक्सीजन कंसंट्रेटर।
- न डाक्टर न पैरामेडिकल स्टाफ।
- सीएचसी ङ्क्षपडरा के सहयोग से ओपीडी संचालन।
- आक्सीजन प्लांट के लिए चबूतरा बन रहा।
सीएचसी गंगापुर
- तीन फार्मासिस्ट के स्थान पर केवल दो।
- दो में से एक वार्ड ब्वाय।
- छह स्टाफ नर्स के स्थान पर दो।
- एक स्वीपर।
-चौकीदार, माली व चपरासी का पद खाली।
-एक एंबुलेंस पर दो चालक व दो सहायक नियुक्त।
-आक्सीजन प्लांट की कवायद अभी नहीं हुई शुरू।
सीएचसी चोलापुर
-10 दिन में लग जाएगा प्लांट फिर बिछेगी पाइपलाइन।
-30 बेड तैयार। अलग से बनाया जा रहा कोरोना वार्ड, बढ़ेगी बेड संख्या।
- विद्युत क्षमता दो से बढ़ाकर किया गया चार किलोवाट।
-विद्युत क्षमता 60 किलोवाट करने की मांग।
-आठ डाक्टर व 65 स्वास्थ्यकर्मी तैनात
सीएचसी पुआरीकला
-आक्सीजन प्लांट का काम तेजी से चल रहा है।
- 30 बेड पर भर्ती हो रहे मरीज।
- आक्सीजन पाइप लाइन अभी नहीं बिछी।
- प्लांट के लिए विद्युत क्षमता अभी नहीं बढ़ी।
- छह डाक्टर और 12 पैरामेडिकल स्टाफ।
सीएचसी नरपतपुर
- आक्सीजन प्लांट के लिए प्लेटफार्म बना।
- बिजली क्षमता नहीं बढ़ी।
- आक्सीजन पाइपलाइन बिछाने का काम अधर में।
- स्त्री रोग एवं बालरोग विशेषज्ञ सहित सर्जन व एनेस्थेसिस्ट के पद खाली।
- वार्ड ब्वाय की भी नहीं हो पाई नियुक्ति।
- 30 बेड पर मरीज हो रहे भर्ती।
सीएचसी बड़ागांव
- आक्सीजन प्लांट के प्लेटफार्म की नींव की खोदाई की जा रही है।
- 30 बेड पर हो रहे मरीज भर्ती।
- आक्सीजन पाइपलाइन बिछाने के लिए हो चुकी मापी।
- 25 केवीए के ट्रांसफार्मर के स्थान पर 45 केवीए के ट्रांसफार्मर के लिए आवेदन।
- तीन डाक्टर व 11 स्वास्थ्यकर्मी तैनात।
- सात डाक्टरों की बरकरार है कमी।