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जौनपुर में फर्जी शिक्षक से होगी 25 लाख रुपये की वसूली, आरोपित की तलाश तेज

फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नौकरी करने वाली शिक्षक से वेतन भुगतान का 25 लाख रुपये वसूला जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 09:40 AM (IST)
जौनपुर में फर्जी शिक्षक से होगी 25 लाख रुपये की वसूली, आरोपित की तलाश तेज
जौनपुर में फर्जी शिक्षक से होगी 25 लाख रुपये की वसूली, आरोपित की तलाश तेज

जौनपुर, जेएनएन। फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में नौकरी करने वाली शिक्षक से वेतन भुगतान का 25 लाख रुपये वसूला जाएगा। आरोपित की तलाश सरगर्मी से की जा रही है। एसटीएफ ने फोटो, मोबाइल नंबर सहित साढ़े चार साल की नौकरी के दौरान सभी दस्तावेज जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से मांगा लिया है।

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 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया में तैनात शिक्षक ने 19 नवंबर वर्ष 2015 में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज पर चयन कराया था। उसने आवेदन में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मित्रपुर ढहिया जनपद कौशांबी की शिक्षक दीप्ती पुत्री सुरेश चंद्र निवासी बगिया सोहन लाल कायमगंज फर्रूखाबाद के शैक्षिक दस्तावेज लगा है। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद जांच की गई तो तथ्य चौंकाने वाला सामने आया। लंबे समय से नौकरी कर रही दीप्ति का शैक्षिक प्रमाण पत्र ही नहीं भैंसरौली, भोगांव जनपद मैनपुरी का पता भी फर्जी निकला। फर्जी शिक्षक की भी नियुक्ति कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी दिलाने वाले गैंग ने ही कराई थी। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि फर्जी शिक्षक के सभी प्रमाण पत्र एसटीएफ को सौंप दिए गए हैं। उसके बर्खास्त होने के बाद साढ़े चार साल के कार्यकाल में लिए गए वेतन का लगभग 25 लाख रुपये वसूल किया जाएगा।

जिला समन्वयक ने सौंपा स्पष्टीकरण

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का शैक्षिक दस्तावेज के दुरुपयोग के मामले में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा शोभा ने अपना स्पष्टीकरण सौंपा है। जो शासन को प्रेषित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार जिला समन्वयक ने स्पष्टीकरण में सफाई दी है कि वार्डेन, शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधी आवेदन एनआइसी के माध्यम से लिया जाता है। जिलाधिकारी द्वारा नामित तीन सदस्यीय कमेटी अभिलेखों की जांच कर चयन करती है। कार्यालय में चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र की छाया प्रति जमा होती है। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने पूछने पर बताया कि स्पष्टीकरण शासन को भेज दिया गया है।


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