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आजमगढ़ जेल में भूख हड़ताल के बाद दो दर्जन बंदियों की हालत बिगड़ी, अस्‍पताल में भर्ती

जब हड़ताल खत्म नहीं हुआ तो शाम को डीएम व एसपी अधिकारियों संग जिला कारागार पहुंचे। देरशाम को अधिकारियों के आश्वासन पर बंदियों ने भूख हड़ताल खत्म की।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 09:01 AM (IST)
आजमगढ़ जेल में भूख हड़ताल के बाद दो दर्जन बंदियों की हालत बिगड़ी, अस्‍पताल में भर्ती
आजमगढ़ जेल में भूख हड़ताल के बाद दो दर्जन बंदियों की हालत बिगड़ी, अस्‍पताल में भर्ती

आजमगढ़, जेएनएन। जिला कारागार में खराब व मानक के विपरीत भोजन मिलने से नाराज बंदी तीन दिन से भूख हड़ताल पर हैं। भूख हड़ताल पर बैठे दो दर्जन बंदियों की हालत बिगड़ जाने पर उन्हें जेल व जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं जेल प्रशासन ने विरोध कर रहे बंदियों पर लाठी भांजकर हड़ताल खत्म कराने का प्रयास किया। इसके बाद भी जब हड़ताल खत्म नहीं हुआ तो शाम को डीएम व एसपी अधिकारियों संग जिला कारागार पहुंचे। देरशाम को अधिकारियों के आश्वासन पर बंदियों ने भूख हड़ताल खत्म की। 

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जिला कारागार के हाता नंबर एक व तीन में निरुद्ध बंदियों ने जेल प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सोमवार को विरोध के तौर पर प्रदर्शन किया और भोजन का बहिष्कार कर भूख हड़ताल पर बैठ गए। बंदियों का आरोप है कि जेल मैनुअल के अनुसार न तो भोजन मिल रहा है और न ही उन्हें अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। जेल अधिकारियों की मनमानी को लेकर बंदियों का गुस्सा फूट पड़ा। समर्थन में जेल के पुरुष बैरक के साथ महिला बैरक की भी बंदी भूख हड़ताल शुरू कर दी। मंगलवार को दो बंदियों की हालत बिगडऩे पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इधर जेल प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए भंडारा ड्यूटी में लगे बंदियों ने भी भूख हड़ताल के समर्थन में आ गए। नजीता, भूख हड़ताल कर रहे दो दर्जन बंदियों की बुधवार को हालत बिगड़ गयी। उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें फैजान पुत्र गुलाब, राहुल पुत्र पन्नालाल, सदरे आलम पुत्र मोहम्मद इश्तेखार, मोहम्मद नियाज पुत्र मोहम्मद रेयाज, मनोज पुत्र लखई, अजय पुत्र पलकधारी, जमीरा पुत्र बच्चन, सद्दाम पुत्र साजिद समेत एक दर्जन बंदी शामिल हैं। विरोध कर रहे बंदियों को चिन्हित कर उनकी सूची भी जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन व शासन को भेज दिया है।

शाम को जेल अधिकारियों ने जेल फोर्स के साथ बैरकों में पहुंचे और भूख हड़ताल पर बैठे बंदियों पर लाठी भांजते हुए उनका अनशन खत्म कराने का प्रयास करने लगे। बंदियों ने जेल प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर जब विरोध में नारेबाजी करने लगे तो खबर पाकर जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी, एसपी प्रो. त्रिवेणी ङ्क्षसह, एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह, एसपी सिटी कमलेश बहादुर पुलिस फोर्स के साथ बुधवार की शाम को पौने छह बजे जिला कारागार पहुंच गए। डेढ़ घंटे तक नाराज बंदियों से वार्ता कर उन्होंने भूख हड़ताल खत्म कराया। भूख हड़ताल खत्म होते ही सभी बैरकों में भोजन वितरित कराया गया। 

तीन दिन से फेंका जा रहा था पका भोजन : जेल में बंदियों के भूख हड़ताल कर दिए जाने के चलते उनके लिए तैयार किया गया भोजन उसी तरह से पड़ा रह जा रहा था। जिसके चलते भोजन खराब होने पर मजबूर होकर जेल प्रशासन उसे फेंकवा दे रहा था। बंदी रक्षक की माने तो एक मीटिंग के भोजन में लगभग डेढ़ कुंतल, आटा, एक कुंतल चावल, 70 किलो दाल व सब्जी बनता है। 

बोले डीएम : जेल में एक माह पूर्व हुए उपद्रव के बाद अब सख्ती कर दी गयी है। सख्ती के चलते बंदियों की मनमानी नहीं चल पा रही है, इसलिए वे दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बंदियों का कहना है कि जेल मैनुअल के अनुसार भोजन नही मिल रहा है। उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे बंदियों को आश्वस्त कराया कि भोजन के गुणवत्ता की जांच करायी जाएगी। भोजन जेल मैनुअल के अनुसार व सही भोजन मिलेगा। इस आश्वासन पर बंदी मान गए और भूख हड़ताल खत्म कर दी है। -शिवाकांत द्विवेदी, जिलाधिकारी, आजमगढ़।


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