अनलाक के बाद कृषि यंत्रों की बिक्री में 20 फीसद का इजाफा, किसानों की मेहनत से कृषि विकास दर यथावत
अनलाक के बाद से अगस्त माह में कृषि कार्यों में प्रयूक्त होने वाले ट्रैक्टर व कृषि यंत्रों की बिक्री में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था तो प्रभावित हुई लेकिन अन्नदाताओं की सोच और मेहनत से कृषि क्षेत्र में विकास दर यथावत रहा। किसानों ने जहां अच्छी पैदावार कर जहां भंडार भर दिए। वहीं अपनी आय से कृषि उपकरण खरीदकर अर्थव्यवस्था को नीचे नहीं आने दिया। प्रमुख कृषि यंत्र निर्माता और एग्रीकल्चरल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ( अम्मा इंडिया ) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि अनलाक के बाद से अगस्त माह में कृषि कार्यों में प्रयूक्त होने वाले ट्रैक्टर व कृषि यंत्रों की बिक्री में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वाराणसी में चारा काटने की मशीन व उसके कल-पुर्जा गंडासा, हैंडपंप, धान ओसाने की पंखी, धान सुटकनी सहित कई कृषि यंत्रों का निर्माण होता है। जिसकी पूर्वांचल सहित बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश सहित देश में आपूर्ति की जाती है। यहां के बने कृषि यंत्र नेपाल और बांग्लादेश देश तक बेचे जाते है जिससे विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होती है। अध्यक्ष दिनेश गुप्ता व कोषाध्यक्ष गुलजारी लाल गुप्ता ने बताया कि सरकार की नई नीतियों का लाभ किसानों के साथ ही कारोबारियों को भी मिल रहा है।
नई कृषि नीति से किसानों के हक का होगा हनन
पूर्व विधायक अजय राय ने रविवार को फेसबुक लाइव की 18वीं कड़ी में सरकार द्वारा लाए गए नई कृषि नीति पर काशी के प्रबुद्ध लोगों से बातचीत किया। कहा कि किसान विरोधी विधेयक को पास कराने के लिए आज संसद में जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र की हत्या है। एमएसपी को दरकिनार कर, किसानों को बंधुवा बनाने वाले इस विधेयक का कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है। किसानों के लिए हम सड़कों पर आर-पार लड़ाई लड़ेंगे। जनसंवाद में किसान प्रेम सागर सिंह ने कहा कि बिल से किसानों के हक का हनन हुआ है। सुरेश झा ने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। अनुभव वाजपेयी ने कहा कि इस सरकार से मध्यमवर्गीय लोग त्रस्त हैं।