वाराणसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में 19 बच्चे कुपोषित चिह्नित, पुष्टाहार की पोटली वितरित
वाराणसी के सभी 52 शहरी एवं ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में कुल 19 कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए। बच्चों के अभिभावकों को उचित परामर्श के साथ ही पुष्टाहार की पोटली वितरित कर नियमित जांच कराने के लिए प्रेरित किया गया।
वाराणसी, जेएनएन। जिले के सभी 52 शहरी एवं ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में कुल 19 कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए। बच्चों के अभिभावकों को उचित परामर्श के साथ ही पुष्टाहार की पोटली वितरित कर नियमित जांच कराने के लिए प्रेरित किया गया। मेले का 3625 लोगों ने लाभ उठाया जिनमें पुरुषों से अधिक महिलाओं की भागीदारी रही।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य की मुफ्त जांच हुई। इस दौरान परामर्श, उपचार देने के साथ ही निश्शुल्क दवा वितरित की गई। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने शहरी पीएचसी बड़ी बाजार, टाउनहाल, पहाडिय़ा व पांडेयपुर में लगे आरोग्य मेले का निरीक्षण किया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व मेला प्रभारी डा. एके मौर्य ने शहरी पीएचसी शिवपुर, सदर बाजार और बेनियाबाग का निरीक्षण किया। बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगे आरोग्य मेले का शुभारंभ विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी की सचिव सुधा सिंह ने किया। मेले के आयोजन में 139 मेडिकल आफिसर व 650 पैरामेडिकल स्टाफ का सहयोग मिला। ब्लाक स्तर पर आरोग्य मेले के दौरान स्वास्थ्य केद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी, चिकित्सक, एआरओ, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीसीपीएम, बीपीएम, परामर्शदाता, लैब टैकनीशियन, एएनएम, आशा, स्वास्थ्य कार्यकर्ता समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य लोग मौजूद रहे।
पुरुषों से अधिक महिलाएं दिखा रहीं सजगता : मेले में कुल 3625 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें 1190 पुरुष, 1966 महिलाएं व 469 बच्चे शामिल रहे। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 2251 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग हुई। इनमें से 1016 लोगों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया, जिनमें कोई भी व्यक्ति पॉजिटिव नहीं मिला। स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के तहत 670 लाभाॢथयों के आयुष्मान गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए।
47 मरीज किए गए रेफर
मेले में 42 लोगों की हेपेटाइटिस-बी की जांच हुई। वहीं 40 लिवर, 216 श्वसन संबंधी, 330 उदर, 231 मधुमेह, 545 त्वचा संबंधी मरीज, 13 टीबी संभावित, 92 एनीमिक, 234 हाइपरटेंशन मरीज देखे गए। 272 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) हुई, जबकि 1334 अन्य रोगों के मरीज पहुंचे थे। मेले में कुल 47 मरीजों को उच्च चिकित्सा इकाइयों में इलाज के लिए रेफर किया गया। इसके अलावा 71 मरीजों की आंखों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 13 मरीजों को सर्जरी, छह को ईएनटी सर्जरी, पांच को ओब्स एवं गायनी सर्जरी के लिए चिह्नित किया गया।
आयुष चिकित्सकों का मिला विशेष सहयोग
मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के क्रम में राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की प्राचार्य प्रोफेसर नीलम गुप्ता एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. विनय मिश्र के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के चिकित्सकों ने शहरी स्वास्थ्य केंद्र-पांडेयपुर, सिकरौल, बड़ी बाजार व पहडिय़ा में शिविर लगाया। इन केंद्रों पर क्रमश: डा. अवधेश कुमार, डा. रचना निगम, डा. विश्वकर्मा व डा. उमा सिंह ने निश्शुल्क परामर्श के साथ ही आयुर्वेदिक औषधियां वितरित कीं।
मेले में मिलीं सुविधाएं :
- बुखार समेत मौसमी बीमारियों की जांच।
- कोरोना की जांच।
- गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण।
- निश्शुल्क दवा और सभी पैथालाजी जांच।
- निश्शुल्क सैनेटरी नैपकीन वितरण।
- महिला एवं पुरुष नसबंदी के लिए पंजीयन।
- आंखों की निश्शुल्क जांच।
- क्षय रोग की जांच।
- परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का निश्शुल्क वितरण।
- आयुष्मान का गोल्डेन कार्ड।
इन सुविधाओं का भी मिला लाभ :
- चिकित्सा व उपचार के अलावा रेफर की सुविधा।
- गर्भावस्था, प्रसव कालीन व जन्म पंजीकरण का परामर्श।
- बच्चों में डायरिया, निमोनिया रोकने के लिए परामर्श सुविधा।
- मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया व कुष्ठ की स्क्रीनिंग।
- बीपी, शुगर, मुख, स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग।
- तंबाकू और मद्यपान छोडऩे के लिए परामर्श।