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सोनभद्र में ग्रामीण के हाथ-पैर की 18 अंगुलियां बेकार, नीमहकीम के खिलाफ जुगैल पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

रेणुकापार के तमाम क्षेत्रों में चिकित्सा की खस्ता हालत का फायदा उठाते हुए नीमहकीम ग्रामीणों को अपनी अज्ञानता की प्रयोगशाला बना रहे हैं। नेवारी के एक ग्रामीण का जीवन नरक बनाने वाले एक नीमहकीम के खिलाफ जुगैल पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:35 AM (IST)
सोनभद्र में ग्रामीण के हाथ-पैर की 18 अंगुलियां बेकार, नीमहकीम के खिलाफ जुगैल पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
एक ग्रामीण का जीवन नरक बनाने वाले एक नीमहकीम के खिलाफ पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है।

सोनभद्र, जेएनएन। रेणुकापार के तमाम क्षेत्रों में चिकित्सा की खस्ता हालत का फायदा उठाते हुए नीमहकीम ग्रामीणों को अपनी अज्ञानता की प्रयोगशाला बना रहे हैं। नेवारी के एक ग्रामीण का जीवन नरक बनाने वाले एक नीमहकीम के खिलाफ जुगैल पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। नीमहकीम के इलाज से अपने हाथ और पैर की 18 अंगुलियां गंवाने के कगार पर पहुंचे नेवारी के रामलाल ने प्रदेश सरकार से आर्थिक मुआवजे की भी मांग की है।

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मामला 27 जुलाई 2020 का है। नेवारी निवासी रामलाल पुत्र स्व. शिव नारायण को हल्का बुखार हुआ तो वे सेमिया स्थित सरेहवा के नीमकीम के पास इलाज के लिए गए। जुगैल थाने में दर्ज मामले के अनुसार नीमहकीम ने टाइफाइड और मलेरिया बताते हुए उन्हें एक साथ चार इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन देते ही रामलाल बेहोश हो गए। इसके बाद रामलाल के पुत्र जितेंद्र सरकारी एंबुलेंस से उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन लाए जहां चिकित्सकों ने उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया। वहां भी रामलाल को कोई खास मदद नहीं मिली। उसके बाद उन्हें वाराणसी के एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां दवा के रिएक्शन की बात सामने आई। देखते- देखते ही अगले कुछ दिनों में उनके हाथ और पैर की 18 उंगलियां काली पडऩे के साथ काम करना बंद कर दीं। वर्तमान में हालत यह है कि उनकी अंगुलियों को काटने जैसी स्थिति पैदा हो गई। साथ ही शरीर में कई गंभीर दिक्कतें भी पैदा हो गई हैं। बीते अगस्त माह में ही रामलाल ने पुलिस सहित जिला प्रशासन से मदद मांगी गई, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई।

बहरहाल, अब पुन: जुगैल थाने में शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए नीमहकीम की खोजबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने धोखाधड़ी, एससी-एसटी एक्ट एवं इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत रमेश प्रजापति के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया है। रामलाल ने बताया कि इलाज में उनका दो लाख से ज्यादा खर्च हो गया,इसमें उनकी जमा पूंजी  खत्म हो गई। सबसे बड़ी ङ्क्षचता यह है कि उनका हाथ -पैर किसी काम लायक नहीं रहा।

दो दिन पूर्व गई थी बालक की जान

बीते शुक्रवार रात में भी ग्राम पंचायत चतरवार के टोला अमकोई के एक बालक की जान नीमहकीम के इलाज से चली गई । अमकोई टोला के सरवन पुत्र दीनदयाल (12) का बसकटवा के एक नीमहकीम द्वारा इलाज किया जा रहा था। इसमें जहां बालक कीमौत हो गई , वही परिवार के कई अन्य सदस्यों की हालत भी गंभीर हो गई थी। बाद में चिकित्सा विभाग के लगे कैंप में स्थिति काबू में आई।


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