वर्चुअल कारपेट फेयर को बुक हुए 160 स्टॉल, जम्मू-कश्मीर के 30 प्रमुख निर्यातकों ने जताई सहमति
21 अगस्त से शुरू हो रहे अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कारपेट फेयर में भागीदारी के लिए 39 देशों के 152 आयातकों ने पंजीकरण करा लिया है। 160 निर्यातकों ने स्टाल बुक कराये हैं।
भदोही, जेएनएन। 21 अगस्त से शुरू हो रहे अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कारपेट फेयर में भागीदारी के लिए 39 देशों के 152 आयातकों ने पंजीकरण करा लिया है। 160 निर्यातकों ने स्टाल बुक कराये हैं। हालांकि नेटवर्किंग समस्या के चलते जम्मू एवं कश्मीर के निर्यातकों ने स्टाल की बुङ्क्षकग नहीं कराई है। मेले में भागीदारी के लिए निर्यातकों को प्रोत्साहित करने की योजना बनी है। अब सरकार वहां के निर्यातकों की भागीदारी के लिये अपने खर्च पर व्यवस्था देगी।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की मानें तो जम्मू एवं कश्मीर से 30 निर्यातक मेले में भागीदारी करेंगे। आयातकों एवं निर्यातकों को पंजीकरण के साथ आयोजन के लिए तकनीकी सिस्टम को चौकस किया जा रहा है। मेले के लिये करीब 200 निर्यातक और 350 आयातकों की भागीदारी का लक्ष्य तय किया है। मेले में दो सप्ताह से भी कम समय रह गया है जबकि 152 आयातकों ने भागीदारी की स्वीकृति दी है। परिषद का दावा है कि आयातक व निर्यातक 300 से अधिक हो सकते हैं। आयोजन करने वाली कंपनी ने तीन बार फेयर का डेमो दिया है। निर्यातकों को तकनीकी जानकारी देने के साथ कुछ सावधानियां भी बरतने के लिये कहा है। तकनीकी बिंदु पर निर्यातकों की जिज्ञासा भी शांत की जा रही है।
वर्चुअल फेयर की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है
वर्चुअल फेयर की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आयातकों व निर्यातकों की भागीदारी उत्साहजनक है। पंजीकरण का क्रम जारी है। अधिक से अधिक निर्यातकों व आयातकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए परिषद प्रयासरत है।
- उमेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद
निर्यातकों को दी गई पूरी जानकारी
सीईपीसी के इक्जक्यूटिव डायरेक्टर संजय कुमार की मानें तो भागीदारी के लिए आयातकों की सहमति मिलने लगी है। 500 आयातकों के भाग लेने की संभावना है। देश भर से 200 निर्यातक भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वह पहली बार अपने उत्पादों की ब्रांडडिंग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर करेंगे। इसके लिये 150 निर्यातकों ने पंजीकरण भी करा लिया है। यह संख्या 400 हो सकती है। सीईपीसी ने डेमो जारी कर निर्यातकों को लाॅग इन, आईडी, पासवर्ड व शुल्क के बारे में जानकारी दी है।