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बलिया में भागलपुर पुल का 12वां पिलर सरयू में धंसा, कई जगह टूट गए हैं ज्वाइंट

बलिया के बिल्थरारोड तुर्तीपार में सरयू नदी पर बना भागलपुर पुल 20 वर्ष में ही दरक गया। बलिया-देवरिया जनपद को जोड़ने वाले इस भागलपुर पुल में कुल 18 पिलर हैं। लंबाई 1185 मीटर है लेकिन 12वां पिलर नदी में ही धंस गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 06:56 PM (IST)
बलिया में भागलपुर पुल का 12वां पिलर सरयू में धंसा, कई जगह टूट गए हैं ज्वाइंट
बलिया के सरयू नदी पर बने भागलपुर पुल के क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत के लिए खड़ी की गई दीवार।

जागरण संवाददाता, बलिया। बिल्थरारोड तुर्तीपार में सरयू नदी पर बना भागलपुर पुल 20 वर्ष में ही दरक गया। बलिया-देवरिया जनपद को जोड़ने वाले इस भागलपुर पुल में कुल 18 पिलर हैं। लंबाई 1185 मीटर है, लेकिन 12वां पिलर नदी में ही धंस गया है। इस कारण पुल पर स्लैब में दरार पड़ गई है। कंक्रीट उखड़ गया है। पुल के ज्वाइंट भी कई जगह टूट गए हैं किंतु 12वां पिलर के पास ज्वाइंट पिछले तीन वर्ष में दूसरी बार उखड़ा है। पुल की दरार से नदी दिख रही है, इसे देखकर राहगीर और वाहन चालक दहल जा रहे हैं। बड़े वाहनों के पुल से गुजरने के दौरान पुल के हिलने की तेज आवाज से लोग

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सहम जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी देवरिया द्वारा डैमेज पिलर के पास पुल के आधे हिस्से को ईंट के दीवार से घेर दिया गया है और पुल पर बाकी के दरार पड़े ज्वाइंट के पास स्लैब पर लोहे और स्टील के प्लेट बिछाकर आवागमन बहाल किया गया है। अधिकांश हिस्सा देवरिया में है। इसके कारण देवरिया पीडब्ल्यूडी ने पुल पर वाहनों की गति और क्षमता को भी प्रतिबंधित किया है। पुल के दोनों तरफ बोर्ड भी लगाया गया है, जिस पर लिखा गया है कि सावधान सेतु क्षतिग्रस्त है। रिपेयर कार्य प्रगति पर है। कृपया धीरे चलें। वाहन गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा और वाहन अधिकतम भार क्षमता 35 टन’’। बावजूद पुल पर ओवरलोड वाहनों की आवाजाही धड़ल्ले से जारी है। इस पुल से हर दिन दर्जनों स्कूलों बसें भी गुजरती हैं।

20 वर्ष ही चला 14 वर्ष में बना भागलपुर पुल

2001 में बना भागलपुर पुल महज बीस वर्ष में ही टें बोल गया है। पिछले पांच वर्ष में कई बार इसका रिपेयर किया जा चुका है। निर्माण 14 वर्ष में पूरा हुआ था। निर्माण कार्य 23 जनवरी 1887 को शुरु हुआ था और 14 वर्ष में पुल का निर्माण पूरा किया गया। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने 2819.44 लाख रुपये की लागत से कार्य पूरा किया था। इसका तीन बार मरम्मत किया जा चुका है और मरम्मत पर भी करोड़ों रुपए खर्च किये गये हैं। ऐसे में अब पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।


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