Unnao Case : उन्नाव में पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद बहन ने दिया सीएम योगी आदित्यनाथ को अल्टीमेटम
Unnao Case पीड़ित परिवार को अपनी बेटी के साथ अन्याय के मामले में न्याय की दरकार है। परिवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ को अल्टीमेटम दिया है।
उन्नाव, जेएनएन। उन्नाव में आग के हवाले की गई दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद आक्रोश काफी तेज होता जा रहा है। पीड़ित परिवार को अपनी बेटी के साथ अन्याय के मामले में न्याय की दरकार है। परिवारीजन ने सीएम योगी आदित्यनाथ को अल्टीमेटम दिया है कि अगर न्याय मिलने में देरी हुई तो वह लोग सीएम के सरकारी आवास के बाहर आत्मदाह करेंगे।
परिवार की सहमति पर पीड़िता का शव दफनाने के बाद उसकी छोटी बहन ने सरकार को चेतावनी दी कि जो मांगे की गई हैं अगर वह एक सप्ताह में पूरी नहीं की जाती हैं तो वह विधानसभा भवन के सामने परिवार के साथ धरने पर बैठ जाएगी। इससे पहले पीडि़ता की बड़ी बहन ने उन्नाव से लेकर लखनऊ तक इलाज ठीक से नहीं होने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि उनकी बहन कर तड़प-तड़प कर मर गई। बहन का कहना है कि पीड़िता ने अंतिम सांस लेते वक्त पूछा था कि सभी गिरफ्तार हुए कि नहीं, उसने तो इस प्रकरण में सबको सजा दिलाने का वादा भी लिया था।
पीड़िता की बहन ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से जल्द से जल्द न्याय की मांग की। पीड़िता की बहन ने कहा कि सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिले। वहीं आरोपियों को फांसी न मिलने पर उसने आत्मदाह करने की धमकी दी। पीड़िता की बहन ने कहा कि अगर न्याय में देरी हुई तो वह योगी आदित्यनाथ दरबार में जाकर आत्मदाह कर लेगी। इससे पहले पीड़िता के परिवारीजन ने कहा था कि वह लोग तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आते। बहन ने राज्य सरकार से उसे भी सरकारी नौकरी देने की मांग की थी।
मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने परिवारीजन से आधे घंट तक की बातचीत की। इस बीच जिला प्रशासन के काफी मनाने के बावजूद पीड़िता के परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुए। इसके बाद लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने परिजनों से करीब आधे घंटे तक बातचीत की। समझाया-बुझाया।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पीड़िता की बहन को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद परिजन पीड़िता के अंतिम संस्कार के लिए मान गए। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शव को गांव के बाहर एक खेत में उनके दादा-दादी की समाधि के पास ही दफना दिया गया। उसके अंतिम संस्कार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण के अलावा मेश्राम तथा अन्य आला अधिकारी भी शामिल हुए. सपा के नेता भी गांव में मौजूद हैं, जो अंतिम संस्कार के बाद उन्नाव जिला मुख्यालय पर आयोजित शोक कार्यक्रम में शामिल थे।
उन्नाव की पीड़िता पांच दिसंबर दिसंबर को दुष्कर्म के मामले में पैरोकारी के लिए रायबरेली जा रही थी। तभी कुछ लोगों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शुक्रवार रात 11.40 बजे उसकी मौत हो गई। पीडि़ता के शव को शनिवार रात उसके गांव लाया गया। पीड़िता की मौत गंभीर रूप से जलने की वजह से हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपए और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने का ऐलान किया है।