डेंगू और बुखार से दो लोगों की मौत, बढ़ी दहशत
संक्रामक रोगों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू और बुखार से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि जिला अस्पताल में किट से की गई जांच में आठ लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। पीड़ित मरीजों का सैंपल लेकर एलायजा टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा है।
जागरण टीम, उन्नाव : संक्रामक रोगों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। डेंगू और बुखार से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि जिला अस्पताल में सोमवार को किट से की गई जांच में आठ लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। पीड़ित मरीजों का सैंपल लेकर एलायजा टेस्ट के लिए लखनऊ भेजा है।
सफीपुर कस्बा के दुबियाना मोहल्ला निवासी फल व्यवसायी मंशाराम चौरसिया के पुत्र मनोज चौरसिया (32) को चार दिन पूर्व बुखार आया था। उसका सीएचसी में इलाज कराया गया। हालत में सुधार न होने पर डाक्टरों ने रेफर कर दिया। परिजनों ने उसे लखनऊ के एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद डेंगू होने की पुष्टि की। हालत में सुधार न होने पर परिजन सोमवार को पीजीआई ले गए, लेकिन वहां पहुंचते ही मनोज ने दम तोड़ दिया। डेंगू से मौत की जानकारी से सफीपुर के लोगों में दहशत फैल गई है। वहीं औरास के कुंवर खेड़ा गांव निवासी रविद्र उर्फ पप्पू श्रीवास्तव के साढ़े तीन वर्षीय बेटे तेजस को पांच छह दिनों से बुखार आ रहा था, जिसका इलाज परिजन क्षेत्र के ही एक प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करा रहे थे। रविवार सुबह उसकी हालत गंभीर होने पर परिजनों ने उसे संडीला के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से सोमवार सुबह हालत बिगड़ने पर परिजन बच्चे को लेकर लखनऊ गये जहां एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। चिकित्सकों के अनुसार प्लेट्स कांउट बहुत कम थे।
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आठ और को हुआ डेंगू
- रविवार अवकाश के बाद सोमवार को अस्पताल खुला तो मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी लगभग 2 हजार मरीजों ने पंजीकरण कराया। डॉक्टरों ने जिन बुखार पीड़ितों को ब्लड की जांच कराने की सलाह दी उनमें दो सौ मरीजों ने रक्त की जांच जिला अस्पताल के डायग्नोस्टिक सेंटर में कराई। जिनमें आठ को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। पैथोलॉजिस्ट डॉ. आनंद स्वरूप ने सभी डेंगू पीड़ितों का सैंपल लेकर एलायजा टेस्ट को लखनऊ भेजा है। एक दिन में आठ डेंगू के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। सोमवार को वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आलोक पांडेय समेत अनय चिकित्सकों ने मिलकर लगभग पांच सौ बुखार पीड़ित मरीज देखे। इनमें बच्चे भी शामिल थे। डॉक्टरों की माने तो इनमें साठ फीसद रोगी वायरल बीमारियों से पीड़ित रहे। उधर इमरजेंसी में 13 बुखार और 9 कोल्ड डायरिया के मरीजों को भर्ती किया गया।