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अपहरण होने के दौरान हाईस्कूल की परीक्षा देने का लग रहा आरोप

संवाद सूत्र अचलगंज (उन्नाव) पुलिस द्वारा की गई गलत विवेचना का डेढ़ साल से खामियाजा भुगत रहे अ

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 07:15 PM (IST)
अपहरण होने के दौरान हाईस्कूल की परीक्षा देने का लग रहा आरोप
अपहरण होने के दौरान हाईस्कूल की परीक्षा देने का लग रहा आरोप

संवाद सूत्र, अचलगंज (उन्नाव): पुलिस द्वारा की गई गलत विवेचना का डेढ़ साल से खामियाजा भुगत रहे अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपितों को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद अब यह मामला इंटरनेट मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें लोग पुलिस की विवेचना पर अंगुली उठाते दिख रहे हैं। वहीं पुलिसिया कार्रवाई को सवालों के घेरे में लिया गया है।

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बता दें कि अचलगंज थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी एक अनुसूचित जाति की किशोरी बीती 11 दिसंबर 2019 को लापता हो गई थी। काफी खोज के बाद दूसरे दिन पिता की तहरीर पर 12 दिसंबर 19 को उसकी गुमशुदगी दर्ज हुई थी। 29 दिसंबर को कानपुर रेलवे स्टेशन पर किशोरी मिली। जिसकी सूचना पिता ने पुलिस को दी। पुलिस ने 30 दिसंबर को पीड़िता को कोर्ट में पेश कर बयान कराए। जिसमें पीड़िता ने थानाक्षेत्र के रताखेड़ा निवासी धर्मेंद्र यादव, नितिन यादव व पुष्पेंद्र यादव पर स्कूल से अपहरण कर मुंबई ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर पाक्सो सहित अन्य धाराओं में जेल भेज दिया था। आरोपितों के अधिवक्ता ने उनकी बेगुनाही को लेकर हाईकोर्ट में अपील की और जन सूचना अधिकार के तहत आरटीआइ मांगी। जिसकी रिपोर्ट जो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से मिली तो उसमें पीड़िता कक्षा 10 की छात्रा है और घटना के दौरान वह विद्यालय में हो रही परीक्षाओं में मौजूद रही थी। मामले की विवेचना सीओ अंजनी राय और हल्का प्रभारी चंद्रिका प्रसाद तिवारी ने की थी। जिन्होंने विद्यालय से उपस्थिति रजिस्टर का मिलान किए बिना ही आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया था। डीआइओएस द्वारा दी गई सूचना को संज्ञान में लेकर कोर्ट ने 19 मार्च 2021 को तीनों आरोपितों को जमानत दे दी थी। इसके बाद अब मामले में पुलिस विवेचना पर सवालिया निशान लग रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि पूरा मामला सरकारी अनुदान पाने के लिए किया गया था। इस बारे में सीओ अंजनी राय ने बताया कि मौजूदा तथ्यों के आधार पर विवेचना की गई थी। उस समय विद्यालय वाला तथ्य सामने नहीं आया था।


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