राम-भरत मिलाप का मंचन देख मंत्र मुग्ध हुए दर्शक
संवाद सूत्र मौरावां हिलौली की रामलीला विभेदकारी समाज के बीच गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है
संवाद सूत्र, मौरावां : हिलौली की रामलीला विभेदकारी समाज के बीच गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है। यहां सैकड़ों वर्ष से गांव के हिदू मुस्लिम एक साथ मंच पर अभिनय कर सौहार्द की गांठ को मजबूत करते है। शुक्रवार रात भी अलीबक्स ने निषादराज का रोल कर परंपरा को कायम रखा। दर्शकों के जयघोष से लीला पंडाल गुंजयमान रहा। समिति के संरक्षक अशोक मिश्रा ने बताया कि गांव के कुछ मुस्लिम परिवार पीढि़यों से रामलीला में जुडे़ है। रिटायर्ड डीएसपी नियाज अहमद कलाकारों का रिहर्सल कराकर अभिनय तैयार कराते है। इनसे पहले इनके पिता और चाचा भी रामलीला से जुडे़ रहे। शुक्रवार रात की लीला में निषाद मिलन, केवट लीला, दशरथ मरण और चित्रकूट में राम-भरत मिलाप तक का मंचन किया गया। राम ऋषि मिश्रा, लक्ष्मण नितेश, निषाद अलीबक्स, केवट शैलेंद्र दीक्षित, दशरथ रमेश चौधरी ने अभिनय से समा बाधा। प्रधान प्रतिनिधि महेश सोनी ने आभार व्यक्त किया।