दो सप्ताह में तय होगा प्रदूषणकारी उद्योगों का भविष्य
फैक्ट्रियों और सीइटीपी की होने वाली साप्ताहिक जांच में अब निर्णय को लेकर तय तिथि से पहले बचे दो सप्ताह की जांच बेहद अहम होने वाली है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : प्रदूषणकारी उद्योगों के उत्प्रवाह की दो माह से हो रही साप्ताहिक जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) अभी तक की रिपोर्ट के साथ अंतिम दो सप्ताह की रिपोर्ट को गहनता से जांचेगी, फिर इन उद्योगों को खुले रखने या बंद करने पर निर्णय लिया जाएगा।
एनजीटी द्वारा प्रदूषण विभाग के मानकों को दरकिनार कर चल रहे दो कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) और इनसे जुड़ी 41 फैक्ट्रियों को बीते 14 जून को बंद कराया गया था। उद्यमियों ने मानक पूरे करने के साथ ही प्लांट का उच्चीकरण कराया और एनजीटी से उद्योगों को दोबारा खोलने की गुहार लगाई थी। एनजीटी के अधिकारियों ने निरीक्षण कर 23 सितंबर को दो माह का समय देते हुए फैक्ट्रियां मानक के अनुरूप चलाने का आदेश दिया था। साथ ही दोबारा जांच के बाद फैक्ट्रियों को आगे चालू रखने पर विचार करने की बात कही थी। तब से हर मंगलवार को फैक्ट्रियों व सीईटीपी की जांच कराई जा रही है। अब दो माह का समय पूरा होने में सिर्फ दो सप्ताह बचे हैं। ऐसे में मौजूदा और अगले सप्ताह की जांच सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) और यूपीपीसीबी (उप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) की विशेष टीमें करेंगी। एनजीटी के अधिकारी रिपोर्ट के आधार पर ही फैक्ट्रियों को खोले रखने या बंद करने पर निर्णय लेंगे।
------
एनजीटी के आदेश पर लगातार उद्योगों व सीईटीपी के उत्प्रवाह को जांचा जा रहा है। साथ ही अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है। जो निर्णय होगा उसे अमल में लाया जाएगा।
- विमल कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी