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जीका वायरस की जांच को पहुंची लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम

संवाद सहयोगी शुक्लागंज शुक्लागंज के मिश्रा कालोनी में रहने वाले एक 50 वर्षीय व्यक्ति में जीका

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 07:35 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 07:35 PM (IST)
जीका वायरस की जांच को पहुंची लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम
जीका वायरस की जांच को पहुंची लखनऊ से विशेषज्ञों की टीम

संवाद सहयोगी, शुक्लागंज : शुक्लागंज के मिश्रा कालोनी में रहने वाले एक 50 वर्षीय व्यक्ति में जीका वायरस की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। बुधवार को लखनऊ आई विशेषज्ञों की टीम ने संक्रमित व्यक्ति के घर के आस-पास रहने वाले लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है।

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बुधवार को लखनऊ से स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा. अभिषेक मिश्रा व अयोध्या जनपद के डिवीजनल सर्विलांस आफीसर डा. अंकुश शुक्ला संक्रमित व्यक्ति के मुहल्ले मिश्रा कालोनी पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, मलेरिया विभाग व नगर पालिका की टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। स्वास्थ्य टीम ने संक्रमित के घर के आस पास रहने वाले 20 लोगों के ब्लड व यूरिन के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। मलेरिया विभाग ने मुहल्ले के कई घरों में पाइराथ्रम दवा से इनडोर स्प्रे कराया। वहीं घरों के बाहर एंटीलार्वा छिड़काव कराया। नगर पालिका की टीम ने बैरीकेडिग व मुहल्ले में 400 मीटर परिधि में साफ सफाई, चूना ब्लीचिग छिड़काव व फागिग कराई। दो घरों में लार्वा मिला जिसे हटाया गया। दोनों घरों को नोटिस दी गई है।

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मिश्रा कालोनी के मच्छर पकड़कर भेजे जाएंगे जांच को दिल्ली

- सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. विवेक गुप्ता ने बताया कि किस तरह के मच्छर से जीका वायरस फैल रहा है। इसके लिए संबंधित क्षेत्र से मच्छरों को पकड़कर जांच के लिए मलेरिया अनुसंधान संस्थान (एनआईएमआर) दिल्ली भेजा जाएगा। स्वास्थ्य टीम में डा. रविकुमार, डा.श्वेतांशु व स्वास्थ्य पर्यवेक्षक प्रदीप दिवाकर आदि मौजूद रहे। वहीं जिला मलेरिया अधिकारी डा. रमेश चंद्र यादव, मलेरिया निरीक्षक विवेक दीक्षित आदि रहे।

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दो बफर जोन बनेंगे, तीन किमी. तक बुखार के रोगी होंगे चिह्नित

- स्वास्थ्य टीम ने बताया कि जीका संक्रमण को लेकर दो बफर जोन बनाए जाएंगे। जिसमें पहला बफर जोन एक किलोमीटर तक बनाया जाएगा। दूसरा बफर जोन तीन किलोमीटर एरिया तक बनाया जाएगा। दोनों बफर जोन में आशा, आंगनबाड़ी भेजकर बुखार आदि के लक्षण वाले रोगी चिह्नित किए जाएंगे। इसके लिए 41 टीमें बनाई गई हैं। जो गुरुवार से तीन दिन तक लगातार सर्वे करेंगी। चंपापुरवा, राजीवनगर, मिश्रा कालोनी व गोताखोर मुहल्ले तीन किमी. की परिधि में आ रहे हैं।

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बाहर से आने वालों के सैंपल लिए जाएंगे

- डा. विवेक गुप्ता ने बताया कि दूसरे प्रदेशों व शहरों से शुक्लागंज आने वाले लोगों पर नजर रहेगी। जीका वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केरल, मुबंई, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात आदि स्थानों से आने वाले लोगों के सैंपल लेकर उन्हें जीका जांच के लिए भेजा जाएगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के सैंपल भी जांच को भेजे जाएंगे।

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मच्छरों से करें बचाव

- स्वास्थ्य टीम ने जीका संक्रमण से बचाव के लिए नगर के लोगों को मच्छरों से बचाव करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य टीम ने लोगों को जागरूक करते हुए सुझाव दिए हैं कि फुल आस्तीन के कपड़े पहने। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार, सिरदर्द, शरीर में चकत्ते पड़ने पर चिकित्सक को तुरंत दिखाएं।

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जीका मरीज मिलने पर बनेगा कंटेनमेंट जोन

- लखनऊ से आए विशेषज्ञों ने पहले शुक्लागंज में मरीज के घर पहुंच वायरस के प्रसार की संभावनाओं को टटोला उसके बाद जिला अस्पताल आकर जीका के मरीज से भी बीमारी और इलाज की व्यवस्था के संबंध में जानकारी जुटाई। विशेषज्ञों ने सीएमएस डा. पवन कुमार से मरीजों को रखने और उपचार के संबंध में गहन मंत्रणा कर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मरीजों को आइसोलेशन में मच्छरदानी में रखने को कहा। सीएमओ डा. सत्यप्रकाश से वार्ता कर कहा कि जहां जीका का मरीज मिले वहां कंटेनमेंट जोन बनाया जाए और चार सौ मीटर के दायरे में आने वाले आसपास के क्षेत्र में फागिग, चूना आदि का छिड़काव कराया जाए।

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सावधानी बरत जीका से कर सकते बचाव

- सीएमएस डा. पवन कुमार ने बताया कि जीका और डेंगू के लक्षण सामान्य हैं। अगर मच्छर से बचाव करने में सावधानी बरत ली जाए तो जीका से आसानी से बचा जा सकता है।

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जीका के लक्षण

-सिर दर्द व बुखार का होना

-जोड़ो में दर्द व सूजन

-आंखों का लाल होना

-त्वचा पर लाल चकत्ते उभरना

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जीका से ऐसे करें बचाव

-जीका फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी मे पनपता है इसलिए अपने घर या आसपास पानी जमा न होने दे। जैसे कि कूलर,पानी की टंकी,फ्रिज की ट्रे,फूलदान,टायर आदि

-पानी से भरे बर्तन और टंकियों को अच्छे से ढक के रखे

-कूलर को खाली रखे

-जीका मच्छर दिन में काटता है तो ऐसे कपड़े पहने जोकि बदन को पूरी तरह ढके रखे

- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें


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