घर नहीं इसे 'पक्षी विहार' कहें जनाब
जागरण संवाददाता, उन्नाव : देशी-विदेशी पक्षियों की आवाज सुननी है तो शहर में रहने वाले प्रक
जागरण संवाददाता, उन्नाव : देशी-विदेशी पक्षियों की आवाज सुननी है तो शहर में रहने वाले प्रकृति प्रेमी व पूर्व क्रिकेटर के घर जरूर जाएं। घर कहने से बेहतर होगा कि हम इसे पक्षी विहार कहें। हरे- भरे वातावरण में सैकड़ों पक्षियों की प्राकृतिक आवाज किसी को भी अपनी तरफ बरबस खींच लेती है। पूर्व क्रिकेटर व शिक्षक नवीन सिन्हा वैसे तो बच्चों को क्रिकेट के साथ दूसरे खेलों का प्रशिक्षण देते हैं, लेकिन उन्हें प्रकृति से भी अगाध प्रेम हैं। उन्होंने पूरे घर को पक्षी विहार सरीखा बना दिया है। घर का करीब तीन चौथाई हिस्सा विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का आशियाना बना हुआ है। इनके घर की फुलवारी के बीच बने ¨पजरों में एक से एक दुर्लभ प्रजाति के पक्षी देखने को मिलते हैं। इनमें देशी और विदेशी दोनों ही शामिल हैं। नवीन ऐसा किसी व्यवसायिक कारणों से नहीं करते बल्कि प्रकृति से प्रेम इनका शौक है। अक्सर इनके घर पशु पक्षियों को देखने की भीड़ लगती है, और वह ऐसे पशु पक्षियों को संरक्षित रखते हैं। नवीन के चिड़िया घर में कुछ फूल पत्तियों को भी व्यापक स्थान तो मिला ही है लोग उसका आनंद ले सकें इसके लिए बैठने आदि का भी इंतजाम किया गया है। जो किसी पार्क जैसा नजर आता है। मध्यमवर्गी परिवार से आने वाले नवीन सिन्हा कहते हैं कि पिता जी को पशु पक्षियों से काफी प्रेम था, उन्हीं के साथ इनका रख रखाव करते थे, उनके न रहने के बाद इन्हें उनकी यादों का स्वरूप दे कर इसे विस्तार दे दिया है। वैसे, नवीन ने पक्षियों से प्रेम अपने दिवंगत पिता आरबी श्रीवास्तव से सीखी है।
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नवीन के घर में दिखेंगे ये पक्षी
आस्ट्रेलियन प्रजाति - लववर्ड, मकाऊ के अलावा पिच, बजरी, लाल चिड़िया, काता कील, तोता विभिन्न प्रजाति के, बदरी, बतख, इमो समेत कई विभिन्न प्रजाति के पक्षी हैं।
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स्वास्थ्य का पूरा ध्यान
पक्षियों की सेहत का भी ख्याल रखा जाता है। ठंड के मौसम में नवीन ने उनके सर्द हवाओं से बचाने के लिए ¨पजरे के आसपास आग का प्रबंध कर रखा साथ ही सभी को ढक कर भी रखा जाता है। यदि कोई बीमारी होती है तो उसका यथा संभव इलाज भी किया जाता है।