स्वाइन फ्लू का खतरा, विभाग बेफिक्र
जागरण संवाददाता, उन्नाव : मौसम के पलटवार से जिले पर स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है और स्
जागरण संवाददाता, उन्नाव : मौसम के पलटवार से जिले पर स्वाइन फ्लू का खतरा मंडरा रहा है और स्वास्थ्य विभाग अब तक बेफिक्र है। आने वाले खतरे से निपटने के लिए तैयारी तक नहीं की गई है। दवाओं से लेकर वेक्टर जनित वार्ड और दवा उपचार करने वाले स्टाफ के किए किट तथा जांच का कोई प्रबंध नहीं है। सुअरों को बाड़े में कैद कराने के भी प्रयास नहीं हो रहे। सीएमएस डॉ. एम लाल अब तक गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं
पारा लुढ़कने के साथ ही स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से हमला करता है। नवंबर से दिसंबर के बीच पिछले वर्ष जिले में तकरीबन 38 मरीज इससे पीड़ित मिले थे। स्वास्थ्य विभाग के पास दवा तक कम पड़ गई थी। लेकिन, उसके बाद भी अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू से निपटने की तैयारी नहीं की है। फिजीशियन डा. जेपी बाजपेई ने कहा कि स्वाइन फ्लू सबसे ज्यादा इसी मौसम में फैलता है।
जिला अस्पताल में जांच का प्रबंध नहीं
जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच और वार्ड के अलग प्रबंध के निर्देश हैं। रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को उपचार के दौरान प्रयोग करने को सेल्फ प्रोटेक्शन किट भी मिलती है, लेकिन अभी तक सीएमएस को गाइड लाइन का ही पता नहीं है।
हृदयरोग वार्ड को बनाया वेक्टर जनित वार्ड
स्वाइन फ्लू से निपटने को जिला अस्पताल में 6 बेड का वार्ड बनाने के आदेश हैं। अस्पताल प्रशासन ने हृदयरोग विभाग के वार्ड को ही स्वाइन फ्लू रोगियों के लिए आरक्षित कर अपने कर्तव्यों की इति श्री कर ली।
स्वाइन फ्लू के संवाहक बाड़े में कैद नहीं
इपेडमिक विभाग के प्रभारी डॉ. आरएस मिश्रा ने बताया कि सुअर स्वाइन फ्लू वायरस का संवाहक होता है। वह एक से दूसरे स्थान पर वायरस पहुंचाता है। इन्हें बाड़े में होना चाहिए। स्वाइन फ्ल की दवा टेमी फ्लू पर्याप्त है। इपेडमिक टीम के लिए सेल्फ प्रोटेक्शन किट भी आ चुकी है। स्वाइन फ्लू से निपटने को वैक्सीन मंगाई गई है। सीएमएस को गाइड लाइन के अनुसार तैयारी करने को कहा है।-डॉ. लालता प्रसाद, सीएमओ