अनियमितता पर स्पष्टीकरण देने में छूट रहा पसीना
जागरण संवाददाता उन्नाव ओपन जिम उपकरणों की अनियमित खरीद में आनलाइन भुगतान जिस माडल एस्ट
जागरण संवाददाता, उन्नाव : ओपन जिम उपकरणों की अनियमित खरीद में आनलाइन भुगतान जिस माडल एस्टीमेट से हुआ है वह डीपीआरओ का बनाया न होकर अनाधिकृत डीसीएनआरएलएम के हस्ताक्षर से जारी माडल एस्टीमेट से किया गया है। इससे खरीद में अनियमितता खुलकर सामने है। इसके बाद भी खरीद में घालमेल करने वाले अफसरों को बचाने के लिए जांच रिपोर्ट में मातहत अपने अधिकारी को भी भ्रमित करने वाली अस्पष्ट आख्या दे रहे हैं। डीएम रवींद्र कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी को लिखे पत्र में जिन बिंदुओं पर आख्या मांगी थी। उन बिदुओं को ही नजरंदाज करके मातहत अफसरों ने डीएम को आख्या भेज दी। जिस पर डीएम ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच रिपोर्ट वापस कर स्पष्ट आख्या देने को कहा है। अपनी गर्दन बचाने के लिए अधिकारियों का सुस्पष्ट आख्या देने में पसीना छूट रहा है।
डीएम ने डीपीआरओ को पत्र भेज दोषियों पर कार्रवाई करने की रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने स्पष्ट कहा है कि अनियमितता में जो दोषी होंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच में हीलाहवाली करने वाले अफसरों की कार्यपद्धति समेत पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। मामले में डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू को भेजे पत्र में डीएम ने कहा है कि जिन बिदुओं पर आख्या मांगी है उनको रिपोर्ट में शामिल न करना लापरवाही की परिधि में आता है। उधर डीपीआरओ ने डीएम को जो जांच आख्या भेजी है, उसमें कहा है कि ग्राम पंचायत अधिकारी समय कम होने के कारण पर्याप्त अभिलेख नहीं दे पाये हैं और इस बावत दो दिन का समय और दिया जाए। इस पर डीएम ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। डीएम ने 17 नवंबर को पुन: डीपीआरओ को पत्र भेज संबंधित प्रकरण में जांच कर दोषी पर कार्रवाई करके तत्काल स्पष्ट आख्या देने को कहा। डीएम ने सवाल उठाया है कि ओपन जिम स्थापना को की गई खरीद क्या बिना पत्रावली तैयार किए ही की गई है। इसलिए समय से आख्या नहीं दी जा पा रही।
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डीएम की सक्रियता से बचा अनियमित भुगतान
- ओपन जिम उपकरण खरीद 55 ग्राम पंचायतों में हुई है। जिनमें 21 में भुगतान हो चुका है। अभी 34 ग्रामपंचायतों ने डोंगल लगाए हैं लेकिन भुगतान नहीं हुआ है। डीएम ने भुगतान पर रोक लगाने के लिए निदेशक को पत्र भेजा है। साथ ही डीपीआरओ को भी किसी कीमत पर भुगतान न होने देने का निर्देश दिया है।
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सीडीओ की आख्या भी अस्पष्ट
- डीएम ने 16 नवंबर को सीडीओ दिव्यांशु पटेल को लिखे पत्र में ओपन जिम की अनियमित खरीद सीडीओ द्वारा बिना किसी निष्कर्ष के भेजी गई जांच रिपोर्ट को अस्पष्ट है बता वापस कर दी है। डीएम ने सीडीओ से ओपन जिम प्रकरण में अब तक जनपद में किन-किन ग्राम पंचायतों के द्वारा कितना-कितना भुगतान किस-किस फर्म को किया गया है। उसकी जांच व दोषी के खिलाफ कार्रवाई करते दो दिन में आख्या मांगी है।
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डीएम ने डीपीआरओ से कार्रवाई कर मांगी रिपोर्ट
- डीएम रवींद्र कुमार ने डीपीआरओ निरीश चंद्र साहू को निर्देश दिया है कि आपने जिन 12 विकास खंड की 55 ग्राम पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अभिलेख तलब किए हैं। उनमें अभिलेख देखने के बाद दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई कर रिपोर्ट दें।
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अब तकनीकी स्वीकृति के नियम और मानकों की होगी जांच
- ओपन जिम के लिए खरीदे गए उपकरणों का मानक और रेट किस नियम के तहत तय कर तकनीकी स्वीकृत दी गई और उपकरणों के मानक की गुणवत्ता क्या तय की गई थी, अब इसकी भी जांच होगी। डीएम ने जांच करने के लिए अधिशासी अभियंता आरईडी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित कर दी है। जांच समिति को तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। डीएम रवींद्र कुमार ने जो जांच समिति गठित की है उसमें अधिशासी अभियंता आइईडी, बीडीओ, संबंधित क्षेत्र के लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता और अवर अभियंता को शामिल किया गया है।
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सवाल जिनके कटघरे में जिम्मेदार
- जब डीपीआरओ का माडल एस्टीमेट बन चुका था तो बीडीओ का कार्य देख रहे डीसीएनआरएलएम ने माडल एस्टीमेट क्यों बनाया।
- माडल एस्टीमेट बनाने का क्या उन्हें अधिकार है। उनके हस्ताक्षर से सार्वजनिक हुआ माडल एस्टीमेट कहां से आया। क्या डीसी अपने हस्ताक्षर से इन्कार करेंगे।
- अगर उनके बनाए माडल एस्टीमेट को मान्य नहीं किया गया है तो सिकंदरपुर कर्ण के अलावा अन्य ब्लाकों में उनके ही माडल एस्टीमेट के अनुसार भुगतान क्यों किया गया।
- आखिर इन बिंदुओं पर लगातार डीएम आख्या मांग रहे हैं तो अफसर क्यों नहीं दे रहे रिपेार्ट।
- ग्राम पंचायत सचिवों व प्रधानों ने किसके कहने पर एस्टीमेट को मान्यता देकर भुगतान किया इस पर अब जांच अधिकारियों ने बयान क्यों नहीं लिया या बयान लेने से क्यों कतरा रहे हैं।
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सपा ने उठाई उच्चस्तरीय जांच की मांग
उन्नाव : ओपन जिम उपकरणों की खरीद में अनियमितता कर की गई गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ रहा है। जांच के नाम पर निरंतर अधिकारी स्पष्ट आख्या न दे पूरे मामले को घुमाने के प्रयास में लगे हैं। गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने गड़बड़ी के इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन भेज शासन स्तर से जांच समिति गठित कर जांच कराने और पूरे मामले में अब तक जो अफसर जांच के दायरे में आ रहे हैं उन्हें हटाकर कार्रवाई कराने की मांग की है। सपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में सपा के प्रतिनिधि मंडल ने डीएम से उनके कार्यालय में भेंट की। सपा जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक उदयराज यादव ने डीएम से सवाल किया कि जब डीपीआरओ ने एक लाख 52 हजार का माडल एस्टीमेट स्वीकृत किया था तो फिर डीसीएनआरएलएम के हस्ताक्षर से जारी माडल एस्टीमेट 2,36,880 के अनुसार खरीद कैसे की। ज्ञापन में सिकंदरपुर सरोसी की परियर, बरवट, सिकंदपुर कर्ण की सातन, कटरी पीपर खेड़ा आदि का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां इसी एस्टीमेट पर भुगतान किया गया है। युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव सोनी सिंह परिहार ने कहा कि यह अनियमितता गंभीर घोटाले की ओर इशारा कर रही है। ज्ञापन देने वालों में वीरेंद्र शुक्ल, आदिल, रहीश, सुरेश पाल, सभासद शीबू आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।